ईद-उल-अजहा से पहले बहुमत साबित करेंगे सीएम गहलोत, सचिन खेमे की सदस्यता समाप्त कराने की बनाई रणनीति
By शीलेष शर्मा | Updated: July 22, 2020 18:46 IST2020-07-22T18:46:37+5:302020-07-22T18:46:37+5:30
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई तक अपना निर्णय सुरक्षित रखा है लेकिन कांग्रेस की कोशिश है कि उससे पूर्व ही वह सदन बुलाने की औपचारिकता पूरी कर ले यही कारण है कि सदन के अध्यक्ष सी पी जोशी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है।

सूत्रों के अनुसार गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर जन कल्याण से जुड़ी योजना का विधेयक सदन में लायेंगे। (file photo)
नई दिल्लीः राजस्थान में उठे राजनीतिक को कांग्रेस अगले सप्ताह तक विराम दे देगी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गहलोत सरकार 27 से 29 जुलाई के बीच ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले विधानसभा का सत्र बुलाकर अपना बहुमत सदन के पटल पर साबित करने की रणनीति पर विचार कर रही है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई तक अपना निर्णय सुरक्षित रखा है लेकिन कांग्रेस की कोशिश है कि उससे पूर्व ही वह सदन बुलाने की औपचारिकता पूरी कर ले यही कारण है कि सदन के अध्यक्ष सी पी जोशी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है। पार्टी के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय ने लोकमत से बातचीत करते हुये बताया कि मंगलवार को हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में लंबी चर्चा कर आगे की रणनीति बना ली गयी है।
हालाँकि भाजपा विश्वास मत हासिल करने की मांग नहीं कर रही है लेकिन सचिन पायलट खेमा सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहा है। नियमानुसार गहलोत सरकार को बहुमत साबित करने की ज़रूरत नहीं है लेकिन सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। मंत्रिमंडल की बैठक में रणनीति पर अमल करने का अधिकार मुख्यमंत्री गहलोत को सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन खेमे को पटकनी देने के लिये रणनीति बना ली है
मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन खेमे को पटकनी देने के लिये रणनीति बना ली है। सूत्रों के अनुसार गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर जन कल्याण से जुड़ी योजना का विधेयक सदन में लायेंगे,उससे पूर्व विधानमंडल दल की बैठक भी बुलाने की योजना है।
विधेयक पारित कराने के लिये पार्टी व्हिप ज़ारी करेगी ,विधेयक पर मतदान के समय जैसे ही सचिन खेमा उसके खिलाफ मत करेगा उसे आधार बनाकर सचिन सहित सभी बागी विधायकों की सदस्यता अध्यक्ष पार्टी के आवेदन को आधार बना कर समाप्त कर देंगे। मंगलवार को हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के प्रस्ताव को स्वीकार किया जा चुका है।
भारतीय जनता पार्टी लगातार राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र कर रही है
भारतीय जनता पार्टी लगातार राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र कर रही है। केंद्र की सत्ता में बैठे हुकमरान इतने निरंकुश हो गए हैं,कि उनका मानना है कि जब चाहें, जिसे चाहें, जिस सरकार को चाहें,अपने पांव तले रौंद सकते हैं। कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुये कहा कि मोदी सरकार सत्ता पाने के लिये सरकारी एजेंसियों का खुला दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दलील दी कि बौखलाई हुई केन्द्रीय भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री गेहलोत के बड़े भाई,अग्रसेन गहलोत के घर आज सुबह से ही ईडी भेज कर छापे मारी शुरु कर रखी है। उन्होंने याद दिलाया कि राजस्थान में भाजपा का चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र जब शुरु हुआ तो 13 जुलाई, 2020 को इंकम टैक्स और ईडी के छापे मारे गए।
कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा पर, धर्मेंद्र राठौड़ पर और फेयरमोंट होटल के मालिक रत्न शर्मा पर डराने का, धमकाने का, दबाने का, कुचलने का प्रयास किया गया। हमारी एक विधायिका साथी जिन्होंने खेल के क्षेत्र में देश का और राजस्थान का नाम रोशन किया, कृष्णा पुनिया की जबरन सीबीआई की टीम भेज कर जांच करवाई गई।
उनसे पूछताछ की गई। सब जानते हैं कि सीबीआई की ये 20 और 21 जुलाई की कृष्णा पुनिया से पूछताछ दिल्ली में बैठे हुकमरान और निरंकुश शासकों का विधायकों पर दबाव डालने का एक हथकंडा था, प्रजातंत्र की रक्षा के लिए हम अपने मार्ग पर अटल खड़े रहेंगे, हम घबराने वाले नहीं।
My effort was to respect court's order that's why I extended hearing for July 21 when court asked. Since the matter is in court, the Speaker can't proceed further. I've filed Special Leave Petition in Supreme Court to avoid contradiction b/w decisions of Speaker & court: CP Joshi https://t.co/XgZlZeejY4
— ANI (@ANI) July 22, 2020