‘अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई‘ करने को लेकर भाजपा का सरकार पर हमला
By धीरेंद्र जैन | Updated: August 21, 2020 20:37 IST2020-08-21T20:37:53+5:302020-08-21T20:37:53+5:30
राजस्थान की जनता जानती है कि प्रदेश की गहलोत सरकार पिछले डेढ़ साल में विकास के डेढ़ कदम भी नहीं चल पाई। सरकार ने इस दौरान हमारी योजनाओं के नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं किया। इसलिए अब जनता को निर्णय करना है कि योजनाओं के नाम बदलने वाली इस सरकार को ही बदल देंगे।

भाजपा सरकार में हर गरीब को सहजता से भोजन मिल जाता था।
जयपुरः भाजपा शासनकाल में शुरू की गई ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ का नाम बदलकर कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा ‘इंदिरा रसोई योजना‘ किये जाने से नाराज भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में कोई भूखा न सोए, इस नेक इरादे से भाजपा सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ की शुरुआत की थी।
यदि कोई इस योजना का नाम बदलकर इसका श्रेय लेना चाहता है, तो यह उसकी भूल है। राजस्थान की जनता जानती है कि प्रदेश की गहलोत सरकार पिछले डेढ़ साल में विकास के डेढ़ कदम भी नहीं चल पाई। सरकार ने इस दौरान हमारी योजनाओं के नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं किया। इसलिए अब जनता को निर्णय करना है कि योजनाओं के नाम बदलने वाली इस सरकार को ही बदल देंगे।
वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड, विधायक कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी सहित अनेक भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सराफ ने मुख्यमंत्री पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए योजना का नाम बदलने का आरोप लगाया। वासुदेव देवनानी ने कहा कि जनता को सौगात नहीं उसका प्रायश्चित है।
वहीं सदन के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोई भूखा न सोए, इस नेक इरादे से भाजपा सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ की शुरुआत की थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने योजनाओं के नाम बदलने के क्रम में इस योजना का भी नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना‘ करके इसे आरंभ किया है, जो इस बात का प्रमाण है कि इनके लिए गांधी परिवार ही सर्वोपरि है। भाजपा सरकार में हर गरीब को सहजता से भोजन मिल जाता था, लेकिन अब नये रूप में हर किसी को आसानी से भोजन मिलना संभव नहीं होगा