भारतीय नववर्ष शुरू होने के तत्काल बाद राज्यसभा में राजस्थान की तीन सीटों समेत 17 राज्यों के 55 सदस्यों के लिए 26 मार्च 2020 को चुनाव होंगे.
राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं, जिनमें से इस वक्त 9 सीटें भाजपा के पास है, जबकि केवल 1 सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह सांसद हैं.
क्योंकि, विस चुनाव 2018 के बाद प्रदेश की सियासी तस्वीर बदल गई है, लिहाजा बीजेपी के लिए तीन सीटें बचाना संभव नहीं है. सीधी सियासी गणित के हिसाब से बीजेपी को एक सीट पर संतोष करना होगा.
इस वक्त विधानसभा में कांग्रेस के सहयोगी निर्दलीयों समेत 119 तथा भाजपा के 72 विधायक हैं, जाहिर है तीनों सीटों में से दो कांग्रेस और एक सीट भाजपा के खाते में जाएगी.
हालांकि, राज्यसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही कांग्रेस-भाजपा में सियासी जुगाड़ की भागदौड़ शुरू हो चुकी है. क्योंकि, बीजेपी को केवल एक सीट मिलनी है, इसलिए वहां ज्यादा उलझन है.
इसका फैसला दिल्ली से होगा. यदि वर्तमान सांसदों में से किसी को अवसर दिया जाएगा तो राज्यसभा सांसद विजय गोयल प्रबल दावेदार हैं, लेकिन कोई और भी प्रमुख नेता हो सकता है जिसे केन्द्रीय नेतृत्व चाहता हो, उसे राजस्थान से प्रवेश दिलवाया जा सकता है. वर्तमान में विजय गोयल के अलावा रामनारायण डूडी और नारायण पंचारिया राज्यसभा सदस्य हैं.
इस वक्त जिन नामों की चर्चा है, उनमें- गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी आदि के नाम प्रमुख हैं.
कांग्रेस में दो सीटों में से एक पर बाहरी और दूसरी पर स्थानीय व्यक्ति को राज्यसभा में भेजा जा सकता है.पहले यहां से प्रियंका गांधी को भेजने की भी चर्चा थी, लेकिन अब केन्द्रीय नेतृत्व ने ही प्रियंका को राज्यसभा में भेजने के विचार को अस्वीकृत कर दिया है.
वैसे तो कांग्रेस में कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन प्रमुख नेता भंवर जितेंद्र सिंह, गौरव वल्लभ आदि के लिए बेहतर संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं.
देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में कांग्रेस-भाजपा में किस-किस को अवसर मिलता है और भारतीय नववर्ष, भारतीय जनता पार्टी को कितना रास आएगा?