सीबीआई पर गहलोत और केंद्र में तकरार, राजस्थान सरकार की अधिसूचना, जांच के लिए लेनी होगी पूर्व सहमति

By भाषा | Published: July 20, 2020 09:37 PM2020-07-20T21:37:41+5:302020-07-20T21:37:41+5:30

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह ने कहा, ‘‘इसके प्रशासनिक प्रावधान तो पहले ही थे इसे कल को अधिसूचित किया गया।’’ अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस गठन कानून (डीएसपीई) 1946 की धारा तीन के तहत आने वाले किसी भी अपराध की जांच के लिए मामले दर मामले के आधार पर राजस्थान सरकार से पूर्व सहमति लेनी होगी।

Rajasthan Govt notification makes it clear that CBI can't investigate any issues of without prior permission of the state govt | सीबीआई पर गहलोत और केंद्र में तकरार, राजस्थान सरकार की अधिसूचना, जांच के लिए लेनी होगी पूर्व सहमति

किसी भी अपराध की जांच के लिए मामले दर मामले के आधार पर राजस्थान सरकार से पूर्व सहमति लेनी होगी। (file photo)

Highlightsराज्य सरकार के गृह विभाग इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान में अप्रत्यक्ष आपातकाल साफतौर पर दिखता है।राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी। इसका मतलब दाल में कुछ काला है।

जयपुरःराजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि भारत सरकार को दिल्ली विशेष पुलिस गठन (सीबीआई) के डीएसपीई कानून 1946 की धारा तीन के तहत किसी अपराध की जांच के लिए अब राज्य सरकार की पूर्व सहमति लेनी होगी।

अधिकारियों के अनुसार इस कानून के तहत आने वाले अपराधों में अब राज्य सरकार की 'सामान्य सहमति' मान्य नहीं होगी बल्कि मामले दर मामले के आधार पर सहमति लेनी होगी। राज्य सरकार के गृह विभाग इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है।

प्रशासनिक प्रावधान तो पहले ही थे इसे कल को अधिसूचित किया गया

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह ने कहा, ‘‘इसके प्रशासनिक प्रावधान तो पहले ही थे इसे कल को अधिसूचित किया गया।’’ अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस गठन कानून (डीएसपीई) 1946 की धारा तीन के तहत आने वाले किसी भी अपराध की जांच के लिए मामले दर मामले के आधार पर राजस्थान सरकार से पूर्व सहमति लेनी होगी।

अधिकारियों के अनुसार इससे पहले जून 1990 में भी राजस्थान सरकार ने भारत सरकार को इस तरह की 'सामान्य सहमति' देने से इनकार किया था। वहीं भाजपा ने राजस्थान सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान में अप्रत्यक्ष आपातकाल साफतौर पर दिखता है। राज्य सरकार ने जिस तरीके से एसओजी और एसीबी का दुरूपयोग किया और जब सीबीआई का डर लगा तो मैं आज देख रहा था कि रविवार के दिन एक आदेश जारी होता है कि अब सीबीआई सीधे सीधे किसी मामले की जांच नहीं करेगी उसको राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी। इसका मतलब दाल में कुछ काला है।’’

एसएचओ आत्महत्या मामले में सीबीआई ने राजस्थान की कांग्रेसी विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की

चुरु जिले के राजगढ़ थाने के एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की कथित आत्महत्या के संबंध में सीबीआई ने सोमवार को राजस्थान की कांग्रेसी विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 23 मई को विश्नोई का शव उनके आवास की छत से लटकता पाया गया था।

राजस्थान सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। विश्नोई के पास से दो सुइसाइड नोट प्राप्त हुए थे, जिनमें से एक उनके माता-पिता को और दूसरा जिले के पुलिस अधीक्षक को संबोधित था। पुलिस अधीक्षक को लिखे गए सुइसाइड नोट में विश्नोई ने कहा था कि वह खुद पर डाले जाने वाले दबाव को बर्दाश्त करने में समर्थ नहीं थे।

विश्नोई ने यह भी कहा था कि उन्होंने राजस्थान पुलिस की सेवा का हरसंभव प्रयास किया। विश्नोई और उनके सामाजिक कार्यकर्ता मित्र के बीच वाट्सऐप पर हुई कथित बातचीत के स्क्रीनशॉट भी वायरल हुए थे, जिसमें पुलिस अधिकारी ने खुद को ''गंदी राजनीति'' में फंसाने की बात कही थी।

भाजपा और बसपा ने कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया पर ईमानदार एवं कर्मठ अधिकारी पर दबाव डालने का आरोप लगा लगाया था। हालांकि, पूनिया ने इसे सिरे से खारिज किया है। पूनिया राजस्थान के सादुलपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। 

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