कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक रैली के दौरान पुलिस द्वारा एक सिख व्यक्ति पर कथित रूप से हमला किए जाने और उनकी पगड़ी उतारे जाने के मामला गरमाता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पगड़ी खींचा जाना अपमान जनक बताया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया है और बीजेपी पर साजिश रचने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'राजभवन और बीजेपी साजिश कर रहे हैं और बंगाल जैसे शांतिपूर्ण राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ रहे हैं। वे सिख समुदाय का उपयोग करके गंदी राजनीति खेलने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी समुदायों से प्यार करते हैं। राज्यपाल आग के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं।'
इससे पहले जगदीप धनखड़ ने कहा था पुलिस द्वारा एक सिख व्यक्ति की पगड़ी को खींचा जाना 'अपमान' का मामला है और समुदाय के सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। राज्य में पदभार संभालने के बाद से बंगाल सरकार के साथ टकराव को लेकर चर्चित धनखड़ ने सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस प्रकरण से उन्हें 'गहरा दुख' पहुंचा है।
राज्यपाल ने ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अधिकारियों द्वारा एक सिख के दस्तार के अपमान को लेकर ज्ञापन सौंपा, जो पूरे सिख समुदाय का घोर अपमान है और बलविंदर सिंह के लिए न्याय की मांग की गई।'
उन्होंने दिन में प्रतिनिधिमंडल के राजभवन दौरे का वीडियो भी साझा किया। सिरसा ने धनखड़ को दिए पत्र में कहा कि 'पश्चिम बंगाल पुलिसकर्मियों द्वारा बल का अत्यधिक प्रयोग संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के विपरीत है।' धनखड़ ने कहा कि यह 'पुलिस शक्ति का घोर दुरूपयोग' है।
बता दें, हावड़ा में बृहस्पतिवार को रैली के दौरान उस समय विवाद शुरू हुआ जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने कथित तौर पर बलविंदर सिंह पर हमला किया और उनकी पगड़ी खींच ली। हालांकि, पुलिस की दलील है कि उक्त व्यक्ति के पास एक पिस्तौल थी और उनकी पगड़ी झड़प के दौरान खुद ही गिर गयी थी।