ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर राहुल गांधी ने किया पीएम मोदी पर हमला, बोले-जब आप कांग्रेस सरकार गिराने में व्यस्त थे तभी तेल के दाम 35% गिर गए
By गुणातीत ओझा | Published: March 11, 2020 11:39 AM2020-03-11T11:39:45+5:302020-03-11T11:39:45+5:30
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने और पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की 15 माह पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
मध्यप्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच राहुल गांधी ने ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने पीएमओ इंडिया को टैग करते हुए लिखा है, ''प्रधानमंत्री जब आप चुनी हुई कांग्रेस सरकार को हटाने की कोशिशों में लगे हैं तब आपने नोटिस नहीं किया होगा कि कच्चे तेल के दाम 35 प्रतिशत घट गए हैं। क्या आप पेट्रोल के दाम 60 रुपये प्रति लीटर से नीचे करके इसका सीधा फायदा लोगों को देंगे? यह अर्थव्यवस्था को फायदा देगा।''
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने और पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की 15 माह पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष को मंगलवार को लिखे पत्र में कहा है कि आज के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि पिछले एक साल से तैयार हो रही थी। राज्य के गुना से चार बार सांसद रहे सिंधिया ने कहा कि उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जीत हासिल करने के बाद उनका वाजिब हक मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लंबे समय तक सहयोगी रहे सिंधिया का इस्तीफा कांग्रेस के अंदर मौजूदा शक्ति समीकरण को बदलने वाला है। कांग्रेस में कई युवा नेता नेतृत्व की भूमिका मिलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन दिग्गज नेता खुद को काबिज रखते हुए उनके लिए बहुत कम गुंजाइश छोड़ रहे हैं। सिंधिया के वफादार कार्यकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि उन्होंने कांग्रेस को झटका देकर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नियंत्रण से बाहर निकलते हुए अपने पिता के अपमान का बदला लिया। ये दोनों नेता माधवराव सिंधिया के वक्त में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे (राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री) और यशोधरा राजे सिंधिया (पूर्व मंत्री) सहित समूचा ग्वालियर शाही परिवार अब भाजपा के खेमे में हैं।
यशोधरा राजे सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि उनके (ज्योतिरादित्य के) लिए यह घर वापसी जैसा है। कांग्रेस के पूर्व सांसद और 16 वीं लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रहे ज्योतिरादित्य ने लंबे समय तक अपने खुद के राजनीतिक मार्ग का अनुसरण किया। उनकी दिवंगत दादी विजय राजे सिंधिया 1967 में जनसंघ की संस्थापक रही थीं। उनके पिता ने 1980 में कांग्रेस में शामिल होने से पहले 1971 में जनसंघ से राजनीति में पदार्पण किया था। बाद में, माधवराव ने 1996 में संक्षिप्त अवधि के लिए कांग्रेस छोड़ी और बाद में उन्हें शामिल होने के लिए मना लिया गया। माधवराव जिस तरह से राजीव गांधी के विश्वस्त रहे थे, ठीक उसी तरह ज्योतिरादित्य भी राहुल गांधी के सहयोगी थे।