नई दिल्लीःभारतीय सीमा में चीनी गतिविधियों को लेकर आये संकट के बीच सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए ट्वीट किया "चीनियों ने हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, भारत सरकार कब तक भारतीय ज़मीन को वापस लेगी या इस मुद्दे को भगवान के नाम पर छोड़ देगी।"
राहुल यहीं नहीं रुके, कुछ घंटों के बाद दूसरा ट्वीट किया "चीन के साथ जो बातचीत हुई उसमें मार्च 2020 को जो स्थिति थी केवल उसे यथास्थिति बनाये रखने के लिए थी, प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार यह ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं के वे चीन को भारत की ज़मीन छोड़ने को कहें। बाकी सब बातें बेकार हैं।"
चीन को लेकर राहुल गाँधी लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर सीधे आरोप लगा रहे हैं लेकिन मोदी खामोश हैं। आज दिन भर सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी के ट्वीट के साथ पार्टी के तमाम दूसरे नेता सक्रिय रहे और सरकार से यही सवाल पूछते रहे कि दो विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत है क्या मतलब निकाला जाए, क्योंकि ना तो कोई समय सीमा तय की गयी है।
ना ही कोई ठोस आश्वासन जिससे यह साबित होता हो कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार चीन पर दबाव बनाने में कामयाब हुई है व पूर्वी लद्दाख में जिस तरह चीनी सेना की गतिविधियाँ तेज़ हो रही हैं और सैन्य उपकरणों की तैनाती में भारत को कोई सफलता मिली हो। 14 सितम्बर से शुरू हो रहे संसद के सत्र में चीन का मुद्दा जोर शोर से उठाने के लिए राहुल गाँधी स्वयं अपने सहयोगी दलों से संपर्क स्थापित कर रहे हैं ताकि विपक्षी एक स्वर से चीन के मसले पर सरकार को घेर सके।