राफेल सौदा: घोटाले के आरोपों पर मोदी सरकार का पलटवार, कांग्रेस ने भी सार्वजनिक नहीं की थी जानकारी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 8, 2018 09:58 AM2018-02-08T09:58:15+5:302018-02-08T10:02:42+5:30
मोदी सरकार ने भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये के 36 राफेल विमान खरीदे थे। राहुल गांधी ने कहा है कि इस सौदे से बड़े घोटाले की बू आ रही है।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर 59,000 करोड़ रुपये के राफेल लड़ाकू विमान सौदे में घोटाले के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों पर रक्षा मंत्रालय ने पटलवार करते हुए राफेल सौदे की गोपनीयता को देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि वो तथ्यों से छेड़छाड़ कर रही है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि 2008 में कांग्रेस सरकार में बनाई गई गोपनीयता की शर्तों का ही बीजेपी पालन कर रही है। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने भी इन शर्तों का पालन किया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक राफेल सौदा सार्वजनिक होने से इसका असर सैन्य तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसका असर पड़ सकता है।
राहुल गांधी ने पिछले दिनों राफेल विमान सौदे पर घोटाले के आरोप लगाए थे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होने की बात सभी को पता हैं लेकिन सरकार सत्य बताने से इनकार कर रही है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री को राफेल सौदे पर कांग्रेस के सवालों का जवाब देना चाहिए।
सरकारी बयान के मुताबिक, 'भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की जरूरतों के लिए 2002 में जो पहल की गई थी, वह केंद्र में पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में पटरी से उतर गई। 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की स्थापित संस्थागत प्रक्रिया जारी थी, तब के रक्षा मंत्री ने अभूतपूर्व ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल किया। यह सब तब हुआ, जब वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में चिंताजनक कमी आ रही थी।'
मोदी सरकार ने भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये के 36 राफेल विमान खरीदे थे। माना जा रहा है कि 2019 तक इन विमानों की डिलिवरी कर दी जाएगी। सप्लाई के साथ ही ये विमान उपयोग की स्थिति में होंगे।