लाइव न्यूज़ :

लाभ के पद चलते सोनिया गांधी, जया बच्चन की गई थी कुर्सी, ये है आफिस ऑफ प्रॉफिट का पूरा इ‌तिहास

By स्वाति सिंह | Updated: January 20, 2018 13:54 IST

'लाभ का पद' मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता पर इलेक्शन कमीशन ने बड़ा फैसला लिया है।

Open in App

चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ के पद के मामले में अयोग्य करार दिया है। इसपर अब राष्ट्रपति को अंतिम फैसला लेना है। यह लाभ के पद का पहला मामला नहीं है इस तरह की कार्रवाई पहले भी हुई है। यूपीए कार्यकाल के पहले चरण 2006 में 'लाभ के पद' पर विवाद का खुद सोनिया गांधी थीं। इसके कारण सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर रायबरेली से दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा था। सोनिया गांधी सांसद होने के साथ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरमैन थी, जिसके बाद उनपर लाभ के पद का मामला बन गया था।इसके बाद 2006 में ही जया बच्चन पर भी आरोप लगा कि वह राज्यसभा सांसद होने के साथ-साथ यूपी फिल्म विकास निगम की चेयरमैन भी हैं। इसे 'लाभ का पद' माना गया और चुनाव आयोग ने जया बच्चन को अयोग्य घोषित कर दिया। चुनाव आयोग के फैसले के जय बच्चन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी सांसद या विधायक ने 'लाभ का पद' लिया है तो उसकी सदस्यता जाएगी चाहे उसने वेतन या दूसरे भत्ते लिए हों या नहीं।इससे पहले जुलाई 2001 में हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन की संसद सदस्यता को भी इसी आधार पर रद्द किया था। शिबू सोरेन ने जब राज्य सभा में निर्वाचन हेतु नामांकन पत्र दाखिल किया था उसी समय वह झारखंड सरकार द्वारा गठित अंतरिम झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद के अध्यक्ष के रूप में लाभ का पद धारण कर रहे थे।उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आज़म खान को उत्तर प्रदेश जल निगम के अध्यक्ष के रूप में लाभ के पद पर होने के कारण अयोग्य घोषित किए जाने का मामला राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग के पास भेजा गया था जिसे बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच इस मामले में जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद ही समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी नेताओं पर आए इस अप्रत्याशित संकट को टालने के लिए यूपी के विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा उत्तर प्रदेश विधायिका (निरर्हता निवारण) संशोधन विधेयक, 2006 को जनवरी, 2003 से प्रभावी बनाते हुए पारित करा लिया है।समाजवादी पार्टी के महासचिव अमर सिंह को उत्तर प्रदेश विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में लाभ का पद धारण करने के कारण राज्य सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के मामले में जारी नोटिस का उत्तर 31 मार्च तक देने के लिए कहा है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस मामले में यह कदम एक शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचन आयोग से राय मांगे जाने के बाद उठाया है।

टॅग्स :आम आदमी पार्टीसोनिया गाँधीजया बच्चनइंडियासुप्रीम कोर्टचुनाव आयोगउत्तर प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

ज़रा हटकेVIDEO: AAP विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंका, देखें वायरल वीडियो

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

राजनीति अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल