PM मोदी के लद्दाख दौरे से जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ, 1962 युद्ध के बाद नेहरू भी गए थे: शरद पवार

By अनुराग आनंद | Updated: July 8, 2020 14:20 IST2020-07-08T14:18:38+5:302020-07-08T14:20:08+5:30

भारत व चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह के अग्रिम मोर्चे नीमू पर जाकर सैनिकों को संबोधित किया और अस्पताल पहुंच कर गलवान की झड़प में घायल सैनिकों का हालचाल जाना था।

PM Modi's visit to Ladakh was not surprising, Nehru also visited after 1962 war: Sharad Pawar | PM मोदी के लद्दाख दौरे से जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ, 1962 युद्ध के बाद नेहरू भी गए थे: शरद पवार

शरद पवार (फाइल फोटो)

Highlightsशरद पवार ने कहा है कि साल 1962 के युद्ध में चीन से हारने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण भी एलएसी पर गए थे।शरद पवार ने कहा कि तब नेहरू और चव्हाण ने सैनिकों को प्रेरित किया था, अब हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री ने भी ऐसा ही किया है।शरद पवार ने कहा कि चीन के साथ वर्तमान मुद्दे को राजनयिक बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है।

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को लेकर आश्चर्यचकित नहीं थे और याद दिलाया कि 1962 के युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने सीमा क्षेत्र का दौरा किया था। य

हां संवाददाताओं से बात करते हुए पवार ने याद किया कि जब वह 1993 में रक्षा मंत्री थे तब वह चीन गए थे और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिक पीछे हटे थे।

उन्होंने कहा, '' प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के दौरान भी मैंने वर्तमान मुद्दे को लेकर कहा था कि इसे राजनयिक बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है और हमें चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।'' मोदी के लद्दाख दौरे से संबंधित सवाल पर पवार ने कहा कि चीन ने 1962 में भारत को पराजित किया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री वहां सैनिकों का मनोबल बढ़ाने गए थे।  

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पीएम मोदी के लद्दाख जाने पर कांग्रेस व शरद पवार के राय अलग-

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर कांग्रेस ने तंज करते हुए नीमू को टूरिस्ट स्पॉट बताया था, लेकिन महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार की राय बिल्कुल जुदा है। पीएम मोदी के लेह दौरे को शरद पवार ने सैनिकों को प्रेरित करने वाला कदम बताया है। 

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार शरद पवार ने कहा है कि साल 1962 के युद्ध में चीन से हारने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण भी एलएसी पर गए थे। पवार ने कहा कि तब नेहरू और चव्हाण ने सैनिकों को प्रेरित किया था। हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री ने भी ऐसा ही किया है। उन्होंने कहा कि जब भी देश की ऐसी स्थिति होती है, तब देश के नेतृत्व को सैनिकों को प्रेरित करने के लिए इस तरह के कदम उठाने चाहिए। 

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लद्दाख के नीमू पोस्ट का पीएम मोदी ने किया था दौरा-

बता दें कि चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर लगभग दो महीने तक तनातनी चली। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने रहीं। गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

 हालात युद्ध जैसे बनने लगे। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह के अग्रिम मोर्चे नीमू पर जाकर सैनिकों को संबोधित किया और अस्पताल पहुंच कर गलवान की झड़प में घायल सैनिकों का हालचाल जाना था। इसके बाद ही राजनीतिक बयानों व आरोप प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए।

(पीटीआई इनपुट )

Web Title: PM Modi's visit to Ladakh was not surprising, Nehru also visited after 1962 war: Sharad Pawar

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