पालघर मॉब लिंचिंगः बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा- संतों की निर्मम हत्या महाराष्ट्र पुलिस के लिए चुनौती, क्या वोट के आगे फेल है?
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 20, 2020 14:30 IST2020-04-20T14:30:28+5:302020-04-20T14:30:28+5:30
Palghar Mob Lynching Case: यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात तीन व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।

गिरिराज सिंह ने महाराष्ट्र प्रशासन पर हमला बोला है। (फाइल फोटो)
मुंबईः महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में गुरुवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर देने के मामले में राजनीति गरम हो गई। इस मामले में प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता गिरिराज सिंह ने महाराष्ट्र प्रशासन पर हमला बोला है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'पालघर में पुलिस के सामने साधु संतों की निर्मम हत्या महाराष्ट्र पुलिस के लिए चुनौती है, क्या वोट के आगे महाराष्ट्र का प्रशासन फेल है?' बता दें, इस मामले में 110 लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं, जिनमें से 9 किशोर शामिल हैं। मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से देर रात ट्वीट किया गया है। उसमें मुख्यमंत्री ने कहा है कि पालघर की घटना पर कार्रवाई हुई है। पुलिस ने दो साधुओं, एक ड्राइवर और घटना के वक्त ही पुलिसकर्मियों पर हमला करने के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस जघन्य अपराध और शर्मनाक घटना के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जितनी कड़ी सजा संभव है दिलायी जाएगी।
पालघर में पुलिस के सामने साधु संतों की निर्मम हत्या महाराष्ट्र पुलिस के लिए चुनौती है, क्या वोट के आगे महाराष्ट्र का प्रशासन फेल है?
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) April 20, 2020
वहीं गृह मंत्री देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात तीन व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटना की कड़ी निंदा की। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। मृतकों में जूना अखाड़ा के दो संत भी शामिल हैं। गिरि ने कहा कि पुलिस के सामने इस तरह से संतों को घेर कर लाठी डंडे से मारा जाना एक गंभीर मामला है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं कोरोना वायरस महामारी के बहाने साधु संतों को निशाना तो नहीं बनाया जा रहा।