सेना प्रमुख रावत पर बरसे ओवैसी, 'राजनैतिक मामलों में दखलअंदाजी उनका काम नहीं'
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: February 22, 2018 13:45 IST2018-02-22T13:15:23+5:302018-02-22T13:45:21+5:30
Bipin Rawat Statement on AUIDF: सेना प्रमुख ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड फ्रंट (एआईयूडीएफ) के बढ़ने की रफ्तार को बीजेपी से भी तेज करार दिया था।

सेना प्रमुख रावत पर बरसे ओवैसी, 'राजनैतिक मामलों में दखलअंदाजी उनका काम नहीं'
नई दिल्ली, 22 जनवरीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत के मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड फ्रंट (एआईयूडीएफ) पर दिए गए बयान की आलोचना की है। ओवैसी ने कहा, 'आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को राजनैतिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के उत्थान पर टिप्पणी करना उनका काम नहीं है।' अपने ट्वीट में ओवैसी ने यह भी कहा कि सेना हमेशा लोगों द्वारा चुने गए नेतृत्व के अंतरगत ही काम करती है।
What,the Army Chief should not interfere in political matters it is not his work to comment on the rise of a political party ,Democracy & Constitution allows it and Army will always work under an Elected Civilian leadership https://t.co/PacWqqYXz1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 22, 2018
इससे पहले सेना प्रमुख ने एक बयान में कहा, 'जितने तेजी से देश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का विस्तार नहीं हुआ, उससे ज्यादा तेजी से बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है।
बदरुद्दीन अजमल की पार्टी असम राज्य में है। सेना प्रमुख का बयान बांग्लादेशी घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को ध्यान में दिया गया था। उन्होंने कहा कि घुसपैठ होने का एक बड़ा कारण जमीन पर कब्जा जमाना भी है।
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इसके बाद से ही लगातार सोशल मीडिया में जनरल रावत के बयान को राजनैतिक बताते हुए इसकी आलोचना की जा रही है। उन चर्चाओं को जोर तब मिला जब असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी आलोचना की।
असल में पूर्वोत्तर राज्यों में जमीन पर कब्जा लेकर लगातार विवाद चल रहा है। इसमें डोकलाम विवाद शामिल है। इसी मामले में बुधवार (21 फरवरी) को एक सम्मेलन में सेना प्रमुख ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों पहले चीन की तरफ से डोकलाम के पास रक्षा बुनियादी ढांचा विकास करने की रिपोर्ट पेश की गई थी।
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नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के द्वारा तेजी से किए जा रहे भूभाग विस्तार पर भी इससे पहले चिंता जताई थी। इसी बाबत सेना प्रमुख ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के बारे में अपनी राय व्यक्त की थी।
बदरुद्दीन अजमल का जनरल रावत को जवाब- AIUDF, AAP हैं विकल्प
इस पर एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट कर के सेना प्रमुख के बयान को 'चौंकाने वाला (शॉकिंग)' बताया है। बदरुद्दीन के मुताबिक, जनरल रावत चौंकाने वाले राजनैतिक बयान दे रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी राजनैतिक पार्टी का विस्तार आर्मी चीफ की चिंता विषय क्यों है? हमारी पार्टी या आम आदमी पार्टी का तेजी से विस्तार इसलिए हो रहा है कि यह पार्टियां बीजेपी के विकल्प के तौर पर उभर रही हैं।
Gen Bipin Rawat has made a political statement, shocking! Why is it a concern for the Army Chief that a political party, based on democratic & secular values, is rising faster than BJP? Alternative parties like AIUDF, AAP have grown because of the misgovernance of big parties.
— M Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
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By making such statement, isn't the Chief of Army Staff indulging into politics which is against the constitutional mandate given to him. @rashtrapatibhvn@PMOIndia please take note.
— M Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
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अजमल ने जनरल रावत के इस बयान में राजनैतिक संलिप्तता का अंदेशा जाहिर करते हुए कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस पर संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने कहा सेना प्रमुख के इस तरह के राजनैतिक बयान लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं।