लाभ का पद मामला: हाई कोर्ट में सुनवाई आज, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लिखा खुला खत

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: January 22, 2018 13:09 IST2018-01-22T12:44:26+5:302018-01-22T13:09:08+5:30

सिसोदिया ने दिल्ली की जनता से पूछा है, हमारे विधायकों को इस तरह गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से बर्खास्त करना सही है?

office of profit case: delhi deputy cm manish sisodia write open letter, Aap appealed in high court | लाभ का पद मामला: हाई कोर्ट में सुनवाई आज, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लिखा खुला खत

लाभ का पद मामला: हाई कोर्ट में सुनवाई आज, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लिखा खुला खत

'लाभ का पद' के चलते 20 विधायकों के निलंबन के खिलाफ आम आदमी पार्टी के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अपने 20 विधायकों को रविवार (21 जनवरी) को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी हाई कोर्ट का दरवाजा खट खटाएगी। वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की जनता के नाम एक खुला खत लिखा है।

सिसोदिया ने अपने खत को ट्वीट करते हुए पूछा है, दिल्ली की जनता के लिए मेरा एक पत्र क्या चुने हुए विधायकों को इस तरह गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से बर्खास्त करना सही है? क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या ये गंदी राजनीति नहीं है?



इसके अलावा उन्होंने अपने खत में लिखा, मेरे प्यारे दिल्लीवासी, आज इस खुले पत्र के माध्यम से मैं आपसे सीधे बात करना चाहता हूं। मन दुखी है। पर निराश नहीं हूं। क्यूंकि मुझे आप पर भरोसा है। दिल्ली के और देश के लोग मेरी आशा हैं। तीन साल पहले आपने 70 में से 67 विधायक चुनकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनायी थी। आज इन्होंने आपके 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया। इनका कहना है की ये 20 विधायक “लाभ के पद” पर थे।  

हमने इन 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था और इन्हें अलग अलग जिम्मेदारियां दी थी। जैसे एक विधायक को सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी दी। वो रोज सरकारी स्कूलों में जाता था, देखता था कि टीचर आए हैं, सब कुछ ठीक चल रहा है। जहां जरूरत होती थी वहाँ ऐक्शन लेता था। इसी तरह एक विधायक को सरकारी अस्पतालों की जिम्मेदारी दी, एक विधायक को मोहल्ला क्लीनिक की जिम्मेदारी दी।

इस तरह 20 विधायकों को हमने अलग अलग जिम्मेदारियां दी। बदले में इन विधायकों को कोई सरकारी गाड़ी नहीं दी, कोई बंगला नहीं दिया, एक नया पैसा तनख़्वाह नहीं दी। कुछ भी नहीं दिया। ये सभी विधायक अपने खुद के पैसे खर्च करके काम करते थे क्योंकि ये सब आंदोलन से आए थे और देश के लिए काम करने का जुनून था।

बता दें कि 'लाभ का पद' के मामले में चुनाव आयोग की ओर से की गई सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार (21 जनवरी) को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है। 

Web Title: office of profit case: delhi deputy cm manish sisodia write open letter, Aap appealed in high court

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