नई दिल्ली/मुंबईः चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने राकांपा प्रमुख शरद पवार को उनके चुनावी हलफनामों के सिलसिले में नोटिस जारी करने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को कोई निर्देश नहीं दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता पवार ने मंगलवार को कहा था कि आयकर विभाग ने उन्हें चुनाव आयोग को जमा किये गए उनके चुनावी हलफनामों के सिलसिले में नोटिस भेजा है। पवार ने पत्रकारों से कहा था कि आयकर विभाग ने उनसे उनके कुछ चुनावी हलफनामों के सिलसिले में ‘‘स्पष्टीकरण एवं जवाब’’ मांगा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कल मुझे नोटिस मिला...हम खुश हैं कि वह (केन्द्र) सभी सदस्यों में से, हमें प्यार करता है... आयकर विभाग ने तब नोटिस जारी किया जब चुनाव आयोग ने उससे ऐसा करने को कहा....हम नोटिस का जवाब देंगे।’’ चुनाव आयोग ने मीडिया की खबरों का हवाला दते हुए एक बयान में कहा, ‘‘ भारत चुनाव आयोग ने पवार को नोटिस जारी करने के लिए सीबीडीटी को ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है।’’
आयकर विभाग ने मुझे चुनावी हलफनामों के सिलसिले में नोटिस भेजा: शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि आयकर विभाग ने उन्हें चुनाव आयोग को उनके द्वारा जमा किये चुनावी हलफनामों के सिलसिले में नोटिस भेजा है। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आयकर विभाग ने उनसे उनके द्वारा दिये गये कुछ चुनावी हलफनामों के सिलसिले में ‘स्पष्टीकरण एवं सफाई’ मांगी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कल मुझे नोटिस मिला...हम खुश हैं कि वह (केंद्र) सभी सदस्यों में से , हमें प्यार करता है... आयकर विभाग ने तब नोटिस जारी किया जब उससे चुनाव आयोग ने ऐसा करने को कहा....हम नोटिस का जवाब देंगे।’’
वह इस खबर के बारे में किये गये सवाल का जवाब दे रहे थे कि आयकर विभाग ने उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को भी ऐसा ही नोटिस भेजा है।
पवार ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना संबंधी खबरों को तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या (राष्ट्रपति शासन लगाने की) कोई वजह है? क्या राष्ट्रपति शासन कोई मजाक है? ’’ राकांपा प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को विधानसभा में स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उन्होंने प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाने को लेकर भी केंद्र की आलोचना की।