22 जुलाई को सभापति के कक्ष में शपथ ग्रहण करेंगे राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य, 61 माननीय को भेजा गया पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 17, 2020 15:28 IST2020-07-17T13:39:24+5:302020-07-17T15:28:51+5:30
सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पहली बार, अंतर-सत्र के दौरान शपथ सदन के कक्ष में किया जाएगा। शपथ या सदस्यता आमतौर पर सत्र के दौरान या राज्यसभा के सभापति के कक्ष में होती है, यदि सदन का सत्र में नहीं होता है।

सूत्रों ने बताया कि सीमित तौर पर डिजिटल भागीदारी के विकल्प पर भी विचार किया गया। (file photo)
नई दिल्लीः राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 22 जुलाई को सभापति के कक्ष में शपथ ग्रहण करेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पहली बार, अंतर-सत्र के दौरान शपथ सदन के कक्ष में किया जाएगा। शपथ या सदस्यता आमतौर पर सत्र के दौरान या राज्यसभा के सभापति के कक्ष में होती है, यदि सदन का सत्र में नहीं होता है।
राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 22 जुलाई को सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब अंतर सत्र की अवधि में सदस्य सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे ताकि कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके।
शपथग्रहण आमतौर पर या तो सत्र के दौरान होता है अथवा जब संसद सत्र नहीं होता है तब राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में होता है। राज्यसभा के लिये हाल के चुनाव में 20 राज्यों से 61 सदस्य निर्वाचित हुए हैं । राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह में अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी।
Letters have been sent to 61 members of Rajya Sabha for oath taking ceremony. It has been decided to conduct the ceremony in Rajya Sabha Chamber on July 22 while taking all precautionary measures in wake of #COVID19: Sources
— ANI (@ANI) July 17, 2020
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है और इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी विभाग संबंधी संसद की स्थायी समितियों की बैठक शुरू करने और इन बैठकों में नये सदस्यों के हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त करने को ध्यान में रखा है। अधिकारियों ने बताया कि के केशव राव और तिरूचि शिवा जैसे राज्यसभा के कुछ नवनिर्वाचित एवं दोबारा चुने गए कुछ सदस्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष हैं और बिना शपथ लिये संबंधित समितियों की बैठक नहीं बुला सकते।
नवनिर्वाचित सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लिये बिना समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकते। अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को 22 जुलाई को शपथग्रहण होने के बारे में लिखकर सूचित किया है। जो लोग इस दिन नहीं आ पायेंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलायी जायेगी। अधिकारियों ने बताया कि नये सदस्यों के लिये शपथ ग्रहण की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली यात्रा करने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए इसे टाल दिया गया था।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन की कार्यवाही आयोजित करने के लिए विभिन्न विकल्पों को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की। सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मुख्य हॉल और दीर्घा में केवल 127 सदस्यों के बैठने की ही व्यवस्था हो सकती है।
सूत्रों ने बताया कि सीमित तौर पर डिजिटल भागीदारी के विकल्प पर भी विचार किया गया। उन्होंने बताया कि उचित दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करते हुए राज्यसभा के कक्ष और दीर्घा में 127 सदस्यों के ही बैठने की व्यवस्था हो सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि मीडिया दीर्घा को छोड़कर सभी दीर्घा का इस्तेमाल होगा। मीडिया दीर्घा में भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मीडियाकर्मियों के लिए बैठने की व्यवस्था होगी।
Subscribing to oath or affirmation is usually done either during the session or in the chamber of the Chairman of Rajya Sabha, if the House is not in session. (2/2 https://t.co/U12PBCO2ap
— ANI (@ANI) July 17, 2020
राज्यसभा सचिवालय के महासचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घंटे पर चली चर्चा में हिस्सा लिया
उन्होंने बताया कि राज्यसभा सचिवालय के महासचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घंटे पर चली चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गयी। सूत्रों ने बताया कि यह राय सामने आयी है कि सदन के कक्ष और दीर्घा में 127 सदस्यों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाए और बाकी सदस्यों के लिए केंद्रीय हॉल या बालयोगी सभागार से डिजिटल तरीके से शिरकत करने का प्रावधान रखा जाए। उन्होंने बताया कि एनआईसी पर बढ़े भार के मद्देनजर डिजिटल तरीके से सीमित भागीदारी पर विचार किया गया है।
बैठक में नायडू ने कहा कि आगामी समय में डिजिटल तरीके से बैठक के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। कक्ष और दीर्घा में 127 सदस्यों के लिए ही बैठने का इंतजाम हो पाने के चलते नायडू ने सचिवालय के अधिकारियों को बैठने के लिए उचित योजना तैयार करने को कहा है।
प्रश्न काल, जरूरत पड़ने पर वोटिंग, नए सदस्यों को शपथ दिलाने, सदस्यों के आने-जाने की व्यवस्था, सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रभावी उपाय और संक्रमण रहित बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बैठक में चर्चा हुई। सभापति ने अधिकारियों को अगले सप्ताह की शुरुआत में विस्तृत कार्ययोजना सौंपने को कहा है ताकि इसपर आगे विचार किया जा सके।