इस वजह से आधी हो गई नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने की संभावनाः चुनावी विश्लेषक का दावा
By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 25, 2018 12:28 IST2018-08-25T09:52:17+5:302018-08-25T12:28:43+5:30
Lok Sabha Elections 2019: कई चुनावों को करीब से देख चुके रूचिर शर्मा ने दावा किया है कि 2017 में नरेंद्र मोदी की जीत की संभावना 99 प्रतिशत थी जो अब घटकर 50 प्रतिशत रह गई है।

Lok Sabha Elections 2019: इस वजह से आधी हो गई नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने की संभावनाः चुनावी विश्लेषक का दावा
नई दिल्ली, 25 अगस्तः भारत में आम चुनाव नजदीक हैं। हाल ही में कई सर्वे किए गए जिसमें नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन जाने-माने लेखर और चुनावी विश्लेषक रुचिर शर्मा ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने की संभावना को 50-50 बताया है। पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से चुने जाने की संभावना 2017 में ‘99 प्रतिशत’ से घटकर 2019 में ‘50 प्रतिशत’ हो गयी है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बिखरे हुए विपक्ष के एकजुट होने के कारण भी दिखाई दे रही है।
न्यूयार्क में रहने वाले स्तंभकार और अर्थशास्त्री रूचिर शर्मा फिलहाल अपनी किताब ‘डेमोक्रेसी आन रोड’ पर काम कर रहे हैं। रूचिर शर्मा ने कहा कि 2014 के आम चुनावों में भाजपा ने 31 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की थी, क्योंकि उस वक्त विपक्ष बिखरा हुआ था। उस वक्त सीटों का बंटवारा असंगत था और उनका वोट केंद्रित था। उन्होंने कहा, ‘‘2019 के चुनाव महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।’’
शर्मा ने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा कि हालांकि इसमें नाटकीय रूप से परिवर्तन आया है। अब यह चुनाव 50...50 रह गया है और यह सब गठबंधन की संभावनाओं के कारण हुआ है। पूरी तरह से बिखरा हुएविपक्ष के साथ आने के संकेत दिखाई दे रहे है। शर्मा की नई किताब 2019 के चुनावों के पहले फरवरी में बाजार में आने की उम्मीद है।
वाजपेयी जैसी स्थिति में मोदी भी
भारत में कई चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले रुचिर ने 2004 के चुनावों को याद किया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की थी। 2004 के चुनावों में उस वक्त के प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और विपक्ष के बीच ‘लोकप्रियता का अंतर’ और कुछ इसी तरह की स्थिति वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी और आज के विपक्ष के बीच है। उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी के समय में भी जब विपक्ष एकजुट हो गया था तो यही सवाल पूछा गया था कि ‘अगर वाजपेयी नहीं तो पीएम कौन बनेगा ..... और अचानक से एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना दिया गया ।’’
2004 में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने हार स्वीकार कर ली थी और कांग्रेस सत्ता में आयी थी जहां मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था। उत्तर प्रदेश को लघु भारत की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि यहां 80 सीटें हैं और यदि बसपा और सपा के बीच गठबंधन हो जाता है तो वे चुनाव में बाजी मार लेंगे अन्यथा सत्ता भाजपा के पाले में जाएगी।
PTI-Bhasha Inputs