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मोदी सरकार का राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का नहीं, सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का है!, कांग्रेस ने पैकेज पर दिया ये बड़ा बयान

By अनुराग आनंद | Updated: May 17, 2020 16:11 IST

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट के बीच पीएम मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की घोषणा पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का ही है।

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ठळक मुद्देआनंद शर्मा ने कहा कि बीस लाख करोड़ का पैकेज नहीं है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था।आनंद शर्मा ने ये भी कहा कि वित्त मंत्री की हालत समझी जा सकती है क्योंकि अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है।

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने पांच किस्तों में 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इसके ठीक बाद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता आनंद शर्मा ने स्पेशल पैकेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आखिरी घोषणा के बाद कहा कि स्पष्ट हो गया है कि देश को ऐसे खराब आर्थिक हालात से निकालने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है।

टीओआई की मानें तो उन्होंने कहा कि सरकार इस लोन को प्रोत्साहन पैकेज नहीं कह सकती है। सभी देशों की सरकारों ने अपनी जनता के लिए फौरी राहत देते हुए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। शहरी गरीब लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने अपने पैकेज में कुछ भी नहीं दिया है।

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट के बीच पीएम मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की घोषणा पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का ही है जो जीडीपी का 1.6 प्रतिशत है। बीस लाख करोड़ का पैकेज नहीं है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था। शर्मा ने ये भी कहा कि वित्त मंत्री की हालत समझी जा सकती है क्योंकि अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और शिष्टाचार भी बनाए रखना है लेकिन रेल की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है। 

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ रुपए के कोविड-19 राहत पैकेज का पांचवां और आखिरी ब्रेकअप पेश किया। आज आखिरी किस्त का ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण के शब्दों से शुरुआत करूंगी। एक राष्ट्र के तौर पर हम बहुत अहम पड़ाव पर हैं। आपदा के समय भारत के लिए ये एक मौका है। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की जरूरत है। आत्मनिर्भर भारत के मकसद से लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ इन सभी पर राहत पैकेज में ध्यान दिया गया है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद पहुंचा रही है, खाना पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि आज रिफॉर्म्स पर फोकस रहेगा और 7 ऐलान किए जाएंगे। ये मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े होंगे।

राहत पैकेज के पांचवे और आखिरी ब्रेकअप की मुख्य बातें और घोषणाएं..शिक्षा

-ऑनलाइन ऐजुकेशन के लिए मल्टी मोड पीएम ई-विद्या प्रोग्राम जल्द लॉन्च किया जाएगा-30 मई तक 100 टॉप यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन कोर्स चलाने की मंजूरी दी जाएगी।-सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ई-कंटेंट और क्यूआर कोडेड पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा।-प्रत्येक कक्षा के लिए अलग चैनल होगा। यह स्कीम कक्षा 1 से 12 के लिए होगी।-सामुदायिक रेडियो और पॉडकास्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।-नेत्रहीन और मंदबुद्दि दिव्यांगों के स्पेशल कंटेंट तैयार किया जाएगा।-मनोदर्पण कार्यक्रम फिर से चलाया जाएगा।-टीचर-स्टूडेंट्स के बीच लाइव सेशन किए जा रहे हैं। प्राइवेट डीटीएच प्रोवाइडर भी एजुकेशनल कंटेंट उपलब्ध करवा रहे हैं।

मनरेगा

-40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन-इससे 300 करोड़ दिन का श्रम पैदा होगा-प्रवासी मजदूरों को मॉनसून में ज्यादा रोजगार उपलब्ध होगा

हेल्थ

-ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च को बढ़ाया जाएगा।-हेल्थ और वेलनैस सेंटर को बढ़ावा दिया जाएगा।-जिला स्तर के सभी अस्पतालों में इनफेसियस डिसीज का अलग ब्लॉक बनाया जाएगा।-रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए नेशनल प्लेटफॉर्म

कंपनियों को राहत

-कंपनीज एक्ट में कंपनियों के लिए कुछ आपराधिक मामलों को गैरआपराधिक बनाया गया है। कंपनी ऐक्ट में बदलाव किए गए। CSR, बोर्ड रिपोर्ट की कमी, फाइलिंग में चूक को अपराध की सूचि से हटाया गया।-इंटरनल एडजूडिकेशन मैकेनिज्म में बदलाव किया गया है। अब पहले के 18 के मुकाबले 58 सेक्शन को इंटरनल एडजूडिकेशन मैकेनिज्म में शामिल किया गया है।-7 आपराधिक मामलों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। 5 को इंटरनल एडजूडिकेशन मैकेनिज्म में भेजा गया है।

पब्लिक सेक्टर कंपनियों के लिए ये हुए ऐलान

-आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए नई नीति लाई जाएगी।-सार्वजनिक हित के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की नई रणनीतिक सेंटर लिस्ट जारी की जाएगी।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

-MSME पर दिवालियापन के तहत कार्रवाई न हो ऐसे में सीमा एक लाख से एक करोड़ की गई। कोरोना वायरस की वजह से कर्ज में आईं कपंनी को डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा।-सेक्शन 240ए के तहत एमएसएमई के लिए अलग से दिवालिया प्रक्रिया की जाएगी। इसके लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी होगा।-कोविड-19 को देखते हुए नए दिवालिया मामलों को 1 साल के लिए स्थगति कर दी है।-कोविड-19 से संबंधित डिफॉल्ट के लिए नई परिभाषा तय की गई है।

  

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