नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल और टीम-नड्डा में फेरबदल को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री के आवास पर मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें आरएसएस के शीर्ष नेता, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य भापता नेता मौजूद रहे।
आरएसएस के दो शीर्ष पदाधिकारी, संयुक्त महासचिव दत्तात्रय होसबोले और डॉ. कृष्ण गोपाल, भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा उपस्थित थे। 100 दिनों के लॉकडाउन के बाद यह पहला मौका है जब सरकार और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने आमने-सामने बैठक की है। शीर्ष नेताओं की बैठक करीब ढाई घंटे चली। यहां पार्टी की उपलब्धियों की समीक्षा और चुनौतियों और खामियों पर विमर्श किया गया।
कहा जा रहा है कि राज्यसभा के चुनाव समाप्त हो गए हैं, अनलॉक 2.0 शुरू हो गया है और संसद के मानसून सत्र की तैयारी की जा रही है, सो बहुप्रतीक्षित फेरबदल किया जाना लाजिमी है। कुछ कैबिनेट मंत्रियों को थोड़ी देर के लिए पीएमओ में बुलाया गया और कुछ देर बाद वे लौट भी आए।
कई मंत्री रडार पर
कहा जा रहा है कि कुछ मंत्री खराब प्रदर्शन के लिए पार्टी के रडार पर हैं, जबकि कई विभाग वाले कुछ मंत्रियों का भार हल्का किया जाएगा। इसी तरह, नड्डा जनवरी में पार्टी का कार्यभार संभालने के बाद एक टीम का इंतजार कर रहे हैं। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन के कारण संसदीय बोर्ड में तीन पद खाली हैं। चर्चा है कि निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी को यहां लाया जा सकता है। सुझाव है कि अरविंद केजरीवाल के मुकाबले के लिए ईरानी को दिल्ली में पार्टी का चेहरा बनाया जाए। वे मंत्री भी बनी रहें।
सिंधिया, रॉय के नाम हैं चर्चा में
चर्चा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के मद्देनजर पार्टी के प्रमुख नेता मुकुल रॉय को कद्दावर मंत्रालय देकर कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। इसी तरह हाल में राज्यसभा के लिए चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा। उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा को सरकार में लाने में भूमिका निभाई है। इसी तरह हेमंत बिस्वा सरमा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है, जिन्होंने पूर्वोत्तर में उत्कृष्ट कार्य किया है।