MP Taja Khabar: कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा- ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता, अगर वह कहेंगे कुएं में कूद जाओ तो उसके लिए भी हैं तैयार
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 17, 2020 11:16 IST2020-03-17T11:16:59+5:302020-03-17T11:16:59+5:30
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष द्वारा छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किये जाने के बाद 222 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 108 रह गयी है। इनमें वे 16 बागी विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन उन्हें अभी तक स्वीकार नहीं कर किया गया है। विधानसभा में बीजेपी के 107 सदस्य हैं।

गलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। (फोटोः एएनआई)
मध्य प्रदेश में सत्ता को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच मंगलवार (17 मार्च) को बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और पार्टी पर जमकर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं और वह कहेंगे तो कुएं में भी कूद जाने को तैयार हैं।
बेंगलुरु में मध्य प्रदेश के विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, 'हम लोग बंधक नहीं स्वेच्छा से आए हैं। ये पूरा प्रदेश जानता है कि मध्य प्रदेश की सरकार बनने में सिंधिया जी की अहम भूमिका थी। सिंधिया जी को मुख्यमंत्री न बनाकर कमलनाथ को बनाया हमें लगा था कि सब ठीक ठाक रहेगा। जो व्यवहार कमलनाथ जी का हमने देखा मैं मंत्री रहते कह सकता हूं कि उन्होंने कभी भी हमें 15 मिनट भी शांतिपूर्वक नहीं सुना।'
Rebel Congress MLA Imarti Devi, in Bengaluru: Jyotiraditya Scindia is our leader. He taught us a lot. I'll always stay with him even if I had to jump in a well https://t.co/U6Pe7GjhVMpic.twitter.com/ggjtCOFcA8
— ANI (@ANI) March 17, 2020
कांग्रेस की बागी विधायक इमरती देवी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। उन्होंने हमें राजनीति करना सिखाया है। मैं जो भी आज हूं सिंधिया जी की वजह से हूं। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया जी कहेंगे कि कुएं में कूद जाओ तो उसमें कूदने को तैयार हैं।
इधर, सुप्रीम कोर्ट कमलनाथ सरकार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज सुनवाई करेगा। चौहान ने अपनी याचिका में कहा है कि कमलनाथ सरकार के पास सत्ता में बने रहने का ‘कोई नैतिक, कानूनी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार’ नहीं रह गया है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 16 मार्च को सदन में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार की रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी सरकार अब अल्पमत में है, इसलिए वह सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करें। राज्यपाल ने यह निर्देश दिया था कि विश्वास मत की प्रक्रिया मत विभाजन के माध्यम से होगी और विधानसभा इस सारी प्रक्रिया की स्वतंत्र व्यक्तियों के माध्यम से वीडियो रिकार्डिंग करायेगी।
राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा था कि यह काम हर हाल में 16 मार्च, 2020 को पूरा होना चाहिए। इसके बावजूद, सोमवार को मप्र विधानसभा के अध्यक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन मे शक्ति परीक्षण कराये बगैर ही विधानसभा की बैठक 26 मार्च तक के लिये स्थगित कर दी।
अध्यक्ष द्वारा छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किये जाने के बाद 222 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 108 रह गयी है। इनमें वे 16 बागी विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन उन्हें अभी तक स्वीकार नहीं कर किया गया है। विधानसभा में बीजेपी के 107 सदस्य हैं।