मध्य प्रदेश सियासी संकट: कांग्रेस ने बताया- ज्योतिरादित्य सिंधिया को 18 साल में क्या दिया
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 12, 2020 07:31 IST2020-03-12T07:31:20+5:302020-03-12T07:31:20+5:30
मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्वीटर पर सिंधिया से पूछा गया है कि उन्होेंने अभी भी मोदी-शाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह) की जोड़ी की शरण में क्यों जाना चुना ?

ज्योतिरादित्य सिंधिया। (फाइल फोटो)
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के एक दिन बाद यह दावा किया गया कि उन्हें पार्टी ने दरकिनार कर दिया गया था. सिंधिया के इस दावे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है. कांग्रेस द्वारा यह बताया गया है कि कांग्रेस ने उन्हें 18 साल में क्या दिया.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्वीटर पर सिंधिया से पूछा गया है कि उन्होेंने अभी भी मोदी-शाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह) की जोड़ी की शरण में क्यों जाना चुना ? ट्वीटर पर कहा गया है कि सिंधिया के 18 साल के रानजीतिक केरिया में कांग्रेस ने उन्हें 17 साल के लिए संसद सदस्य बनाया, दो बार केन्द्रीय मंत्री, मुख्य सचेतक, राष्ट्रीय महासचिव, उत्तरप्रदेश के प्रभारी, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, चनुाव प्रचार प्रमुख, 50 से अधिक टिकट और 9 मंत्री दिए गए. फिर भी मोदी-शाह की शरण में? मध्यप्रदेश कांग्रेस ने हिंदी में एक चित्र के साथ ट्वीट किया जिसमें कहा गया कि सिंधिया ने भरोसा तोड़ा है.
सिंधिया को नहीं किया दरकिनार
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस में दरकिनार किए जाने को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सिंधिया पर निशाना साधा है. उन्होंने सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की खबर पर ट्वीट किया कि मैं मानता हूं कि सिंधिया को अमित शाह या निर्मला सीतारण की जगह लेनी चाहिए. मुझे उनकी प्रतिभा के बारे में पता है, वह निश्चित रुप से बेहतर काम करेंगे, हो सकता है कि वह मोदी-शाह के संरक्षण में आगे बढ़ें.
सिंह ने एक अन्य ट्वीट कर लिखा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बिल्कुल भी पार्टी से दरकिनार नहीं किया गया था. पिछले 16 महीने में ग्वालियर और चंबल संभाग में बिना उनकी सहमति के कुछ नहीं किया गया. मध्यप्रदेश, खासकर ग्वालियर चंबल संभाग के किसी भी कांग्रेस नेता से इसके बारे में पूछा जा सकता है. सिंह ने कहा यह दुखद है, लेकिन वे कांग्रेस छोड़कर मोदी-शाह की शरण में गए हैं, उनको शुभकामनाएं.