पिछले करीब 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाने की चली आ रही परंपरा मंगलवार को टूट गई । नए साल के पहले कार्य दिवस एक जनवरी को मंत्रालय में ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया गया, जिस पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। इस मुद्दे पर सीएम कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। मध्य प्रदेश में वंदे मातरम् नहीं गाने पर शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर ट्वीट कर हमला बोला था। जिसके बाद कमलनाथ ने भी इसका पलटवार किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ''अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊँगा।''
इसपर कमलनाथ ने हमला बोलते हुए कहा, 'इस आदेश को नए रूप में लागू किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि जो वंदे मातरम् नहीं गाते क्या वो राष्ट्रभक्त नहीं हैं?' हालांकि इस पर शिवराज सिंह चौहान ने कोई बयान तो नहीं दिया है। लेकिन 2 जनवरी को शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि वो खुद वंदे मातरम गाएगें। ट्वीट कर पीएम मोदी ने कहा, ''मैं और बीजेपी के समस्त विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन सात जनवरी, 2019 को प्रात 10:00 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् का गान करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है।''
क्या मध्यप्रदेश में ‘भारत माता की जय’ बोलने पर भी रोक होगी
विपक्षी भाजपा ने सत्ताधारी कांग्रेस की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि कांग्रेस अपने शासनकाल में प्रदेश में ‘भारत माता की जय’ बोलने पर भी तो रोक नहीं लगा देगी।
भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘वंदे मातरम का आयोजन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाता था, जो कि (मुख्यमंत्री) कमलनाथ जी के पास हैं। क्या यह उनके आदेश द्वारा बंद किया गया है? उन्होंने हाल ही में कहा है कि वे किसी कार्य की आलोचना की परवाह नहीं करेंगे।’’ अग्रवाल ने आगे लिखा, ‘‘अब क्या (मध्य प्रदेश में) ‘भारत माता की जय’ बोलने पर भी रोक तो नहीं होगी?’’ मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल से इस पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश सफल नहीं हो सकी।
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने इस घटना को ज्यादा तूल न देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ आज भोपाल में नहीं हैं और सुधि रंजन मोहंती ने मंगलवार को ही मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला है, हो सकता है कि इसके चलते वंदे मातरम आज नहीं गाया गया हो।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 सीटें मिली
पिछले साल 28 नवंबर को मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 सीटें मिली, जो बहुमत से दो सीटें कम हैं। वह बसपा के 2 विधायकों, सपा के एक विधायक एवं 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार में है। कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में बसपा, सपा एवं 3 निर्दलीय विधायकों को जगह नहीं दी है। इससे ये विधायक नाराज भी हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से नाराज हैं।