जयपुरः राजस्थान में फिलहाल सियासी तूफान थमता नजर नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार बहुमत में है। इस बीच सचिन पायलट खेमे ने कांग्रेस के उन बयानों पर हमला बोला है, जिसमें वह कह रही है कि बागी विधायकों ने हरियाणा में जहां बीजेपी की सरकार है वहां डेरा जमा रहा है। पायलट खेमे का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने एक रिसॉर्ट में पार्टी के विधायकों को रखा है और उन्हें अपने घर जाने की अनुमति देनी चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि गहलोत का विरोध करने वाले विधायकों को राजस्थान पुलिस पीछा कर रही है और वे जयपुर लौटने के लिए किसी भी स्थिति में नहीं हैं, जहां व रणनीति बना सकें। एक विधायक ने कहा कि एक स्पेशल एसओजी का गठन किया गया है, कांग्रेस के पास यह पूछने का कोई आधार नहीं है कि विधायक एक राज्य में हैं या किसी अन्य में।
पायलट गुट ने दावा किया कि विधायक वास्तव में मानेसर के उस होटल में नहीं हैं, जहां लगातार ध्यान खींचा जा रहा है। यह बताया गया कि विधायक खुद का बचाव कर रहे हैं और जब भी फ्लोर टेस्ट किया जाएगा वे भाग लेने के लिए तैयार रहेंगे। बताया गया है कि बागी विधायक कहते आए हैं कि वे इस लड़ाई को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। गहलोत ने कई द्वेषपूर्ण कदम उठाए थे।
उन्होंने पूछा है कि अगर कांग्रेस और गहलोत कह रहे हैं कि 18 महीने तक पायलट के साथ कोई बातचीत नहीं हुई थी, तो वह किस तरह की सरकार चला रहे थे? बागी विधायकों का कहना है कि सीएम के बहुमत के दावे कागजों पर किए हैं और अगर विधायकों को फ्री छोड़ दिया जाए तो सही स्थिति सामने आएगी।
राजस्थान पुलिस को फिर मानेसर से लौटना पड़ा
इधर, राजस्थान पुलिस की एक टीम एक बार फिर से हरियाणा राज्य स्थित मानेसर के उस होटल में पहुंची, जहां इस समय पायलट गुट के विधायक ठहरे हुए बताए जा रहे हैं। पिछले दो दिनों में दूसरी बार राजस्थान पुलिस पायलट गुट के विद्रोही विधायकों की खोज में यहां पहुंची। लेकिन, फिर से राजस्थान पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा है। हरियाणा पुलिस ने होटल में राजस्थान पुलिस को एंट्री की इजाजत नहीं दी है। इससे पहले शुक्रवार देर शाम को राजस्थान पुलिस की टीम को खाली हाथ यहां से लौटना पड़ा था। दरअसल, टेप कांड में आरोपी विधायक भंवर लाल शर्मा व विश्वेंद्र सिंह से पुलिस पूछताछ करना चाहती है।