नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के प्रभारी एचके पाटिल को उस समय कड़ा रुख अपनाना पड़ा, जब हाल ही में नियुक्त किए गए प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले इस जिद पर अड़ गए कि राष्ट्रीय सचिवों की जबावदेही उनके मातहत की जाए।
उल्लेखनीय है कि इस समय एचके पाटिल के साथ 5 सचिवों को सहयोग करने के लिए लगाया गया है। इनमें आशीष दुआ, संदीप कुमार, चल्ला वी सी रेड्डी, एस ए संपत कुमार और सोनल पटेल के नाम शामिल हैं। इन सचिवों को लेकर पार्टी की मुंबई में हुयी बैठक में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब नाना पटोले ने पाटिल पर दबाव बनाया कि इन सचिवों की रिपोर्टिंग सीधे उनको सुनिश्चित की जाये।
पटोले की इस माँग पर पार्टी प्रभारी गुस्से में आ गए तथा पटोले की माँग को सिरे से खारिज करते हुये पाटिल ने साफ़ किया कि पार्टी संविधान और नेतृत्व के दिशा निर्देशों के तहत राष्ट्रीय सचिव प्रदेश अध्यक्षों के प्रति जबाब देह नहीं हैं।
उनकी अपनी ज़िम्मेदारियाँ है। वह पार्टी प्रभारी और नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं। इसी बैठक में मुंबईकांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगदप ने राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के साथ न मिलकर कांग्रेस के अकेले चुनाव में उतरने का सुझाव रखा जिसे पाटिल सहित अन्य नेताओं ने खारिज कर दिया।
दरअसल नाना पटोले की अध्यक्ष पद पर हुयी नियुक्ति के बाद पार्टी की आंतरिक कलह बढ़ती नज़र आ रही है। हालांकि पटोले को यह ज़िम्मेदारी देते समय बता दिया गया था कि उनको सभी को साथ लेकर चलना है लेकिन इस समय ऐसा होता नहीं दिख रहा है।