MP ki Taja Khabar: मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभाग वितरण पर असंतोष, ज्योतिरादित्य सिंधिया को चाहिए मलाईदार पद
By शिवअनुराग पटैरया | Updated: July 7, 2020 18:25 IST2020-07-07T15:16:02+5:302020-07-07T18:25:30+5:30
मंत्रियों को विभागों के वितरण को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते 2 दिन से दिल्ली में थे. इस दौरान उन्होंने विभागों के वितरण को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया से मशविरा किया, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया.

सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को बड़े और मलाईदार विभाग चाहते हैं. इसी कारण मामला अटक रहा है. (file photo)
भोपालः मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पसीना आ रहा है. 23 मार्च को शपथ लेने के 3 माह से ज्यादा गुजर जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान बीते 2 जुलाई जैसे तैसे अपने मंत्रिमंडल का पूर्ण विस्तार कर 28 मंत्रियों को शपथ दिला पाए थे, कि अब मामला विभागों के बंटवारे को लेकर अटक गया है.
अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते रविवार को दिल्ली गए थे. दो दिन मशक्त और मुलाकातों के बाद भी शिवराज सिंह चौहान अपने साथ विभागों के बंटवारे की लिस्ट नहीं ला सके. कल सोमवार को तीन बार उनका भोपाल वापसी का कार्यक्रम रद्द हुआ और वे फिर आज सुबह भोपाल आ सके.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. अब मैं आज विभागों के बंटवारे पर वर्कआउट करूंगा. इसके बाद मुख्यमंत्री निकल गए. बीते दो दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष, गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले.
शिवराज सिंह चौहान इतनी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण विभाग सिंधिया समर्थकों को नहीं देना चाह रहे हैं
लेकिन विभागों के बंटवारे के बारे में उनकी चर्चा गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुई. सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को गृह, नगरीय प्रशासन, राजस्व, वाणिज्यकर, ग्रामीण विकास, जनसंपर्क, खनिज, परिवहन जैसे महत्वपूर्ण मलाईदार विभाग दिलवाना चाहते है. जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इतनी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण विभाग सिंधिया समर्थकों को नहीं देना चाह रहे हैं.
उन पर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और उनके पुराने एवं विश्वस्त मंत्रिमंडलीय सहयोगियों का भी दबाव है. यही नहीं सिंधिया अपने समर्थक राज्यमंत्रियों को भी स्वतंत्र प्रभार के विभाग दिलवाना चाह रहे हैं. मुख्यमंत्री कल देर रात मामले को सुलझाने के लिए केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से लंबी बात भी की. इसके बाद तोमर और चौहान के साथ ही कुछ अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सिंधिया से बात की, पर वह टस से मस नहीं हुए. इसके बाद मुख्यमंत्री आज सुबह भोपाल लौट आए.
आज थोड़ा और काम करने के बाद जल्दी ही मंत्रियों को विभाग बांट दूंगा : मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह अपने मंत्रियों को विभागों का आवंटन करने के मुद्दे पर आज कुछ और काम करेंगे और उसके बाद जल्दी ही उनके बीच विभागों का बंटवारा कर दिया जायेगा. दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे से भोपाल लौटने के बाद चौहान ने एक सवाल के जवाब में यहां मीडिया को बताया, ''मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया। विभाग अब बंटने वाले हैं.''
उन्होंने कहा, ''आज और वर्कआउट करूंगा और जल्दी बांट दूंगा.'' हालांकि, चौहान ने मंत्रियों के विभाग बांटने की तिथि नहीं बताई। मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि क्या मंत्रियों को आज उनके विभागों का आवंटन किया जायेगा ? इसी बीच, शपथ लेने के चार दिन बाद भी मंत्रियों के विभाग बंटवारे में हो रही देरी पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में प्रदेश भाजपा के मीडिया सेल प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने बताया, ''निश्चित तौर पर एक—एक कार्यकर्ता एवं एक—एक विधायक के बारे में ये विचार करना पड़ता है कि कौन किस विभाग को ठीक से देख सकता है. उसमें समय लगता है और समय लगाना भी चाहिए.''
सौदा हो रहा है, सौदे से ही सरकार बनी, सौदे से मंत्रिपरिषद बना
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे को अच्छे पद को लेकर खींचतान चल रही है तो पाराशर ने कहा, ''खेमा शब्द मीडिया में कांग्रेस से आया है। भाजपा में खेमेबाजी नहीं है. सिंधिया जी भाजपा के कार्यकर्ता बन चुके हैं और हमारे यहां भाजपा ही एकमात्र खेमा है. सिंधिया जी खेमाबाजी कांग्रेस में ही छोड़ आये हैं.'' मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद विभागों को लेकर हो रही देरी पर भाजपा पर तंज कसते हुए मंगलवार को उज्जैन में कहा, ''सौदा हो रहा है. सौदे से ही सरकार बनी. सौदे से मंत्रिपरिषद बना.
सौदे से विभाग बांटे जाएंगे। ये प्रदेश का हाल है.'' उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इसकी गवाह है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे प्रदेश की भोली—भाली जनता इनको आने वाले 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इसका जवाब देगी.'' कमलनाथ इन 24 विधानसभा उपचुनावों में पार्टी की जीत का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर गये थे और इसके बाद वह आज बदनावर में इन 24 विधानसभा उपचुनावों का शंखनाद कर रैली करेंगे.
उन्होंने भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजा अर्चना कर की और प्रदेश की ख़ुशहाली व कोरोना वायरस महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की. मालूम हो कि मध्य प्रदेश में बृहस्पतिवार को चौहान ने मंत्रिपरिषद का विस्तार कर 28 मंत्रियों को शामिल किया है. इन नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। सिंधिया खेमे के दो मंत्री - तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत - पहले से ही हैं। ये सभी 14 मंत्री वर्तमान में विधायक नहीं हैं.


