MP में सियासी उठापठक के बीच जानें क्यों तीखी धूप में सीएम कमलनाथ के आवास के बाहर बैठा रहा 13 साल का बच्चा
By पल्लवी कुमारी | Published: March 17, 2020 08:13 PM2020-03-17T20:13:05+5:302020-03-17T20:13:05+5:30
सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मंगलवार (18 मार्च) को सुनवाई करेगा।
भोपाल:मध्य प्रदेश की सियासी उठापठक के बीच एक 13 साल का बच्चा चर्चा में आ गया है। 13 वर्षीय कांग्रेस कार्यकर्ता लक्ष्य गुत्ता सीएम कमलनाथ के समर्थन में उनके आवास के बाहर तीखी धूप में घंटों बैठा रहा। लक्ष्य गुत्ता श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस भोपाल के बार कमलनाथ सरकार के समर्थन बैठा रहा। मीडिया से बात करते हुए 13 साल के कार्यकर्ता ने कहा है कि वह सीएम कमलनाथ का समर्थन करता है और चाहता है कि एमपी में कमलनाथ सरकार ही तिरहे।
पत्रिक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ता लक्ष्य गुत्ता ने कहा है, मुझे सीएम कमलनाथ पर पूरा भरोसा है। मध्य प्रदेश की जनता और मैं आपके साथ हूं। भाजपा चाहे जो भी कर लें, मप्र में 100 फीसदी कमलनाथ सरकार ही रहेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ता लक्ष्य गुत्ता की चाह है देश की राजनीति में बदलाव आए। लक्ष्य गुत्ता ने कहा, मैं विधायकों की खरीदने की खबर सुनकर काफी चिंतित हूं।आज पैसे देकर राजनीति की जा रही है। पैसे से विधायक खरीदे जा रहे है। इस लेकर मैं काफी चिंतित हूं।
कमलनाथ ने राज्यपाल का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सूचित किया कि सदन में शक्ति परीक्षण कराने के संबंध में राजभवन से प्राप्त पत्र को उन्होंने निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को आगे लिखा है, ‘‘सभी तथ्यों के आलोक में मैंने आपके निर्देश को समुचित निर्णय हेतु विधानसभा अध्यक्ष को अग्रेषित कर दिया है। मैं इस पत्र की भी एक प्रति उन्हें अंकित (भेज) कर रहा हूं।’’
राज्यपाल टंडन ने कल मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें 17 मार्च मंगलवार को सदन में विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने लिखा था कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो माना जाएगा कि उसके पास बहुमत नहीं है। कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘आपने अपने पत्र में यह खेद जताया है कि आपने जो समयावधि दी थी उसमें विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय मैंने आपको पत्र लिखकर शक्ति परीक्षण कराने में आनाकानी की। मैं आपके ध्यान में यह तथ्य लाना चाहूंगा कि पिछले 15 महीने में मैंने सदन में कई बार बहुमत सिद्ध किया है। अब यदि भाजपा यह आरोप लगा रही है कि मेरे पास बहुमत नहीं है तो वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं। मेरी जानकारी में यह आया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है जो विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है।’’
MP विधानसभा शक्ति परीक्षण: शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मंगलवार (18 मार्च) को सुनवाई करेगा। चौहान ने अपनी याचिका में कहा है कि कमलनाथ सरकार के पास सत्ता में बने रहने का ‘कोई नैतिक, कानूनी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार’ नहीं रह गया है।
सोमवार को तेजी से हुए घटनाक्रम में चौहान और भाजपा के नौ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति के राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए शक्ति परीक्षण कराए बिना 26 मार्च तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित किये जाने के तुरंत बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।