प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी चौथी बार सरकार बनाने की जुगत में लगी है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक ताजा सर्वे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नींद उड़ा दी है। यह सर्वे बीजेपी के वर्तमान विधायकों के प्रदर्शन और उनकी सीटों की स्थिति को लेकर किया गया है।
सर्वे के मुताबिक कई मौजूदा विधायकों की हालत खस्ता है और आगामी चुनाव में उनके प्रदर्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए संघ ने ऐसी सीटों पर प्रत्याशी बदलने की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने 60-70 विधायकों के टिकट काट सकती है।
सीएम आवास पर गहन मंथन
संघ के ताजा सर्वे को बीजेपी पूरी गंभीरता से ले रही है। इसी वजह से पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह के आवास पर पांच घंटे तक गहन मंथन चला। इस बैठक में सीएम के अलावा कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए जिसमें नरेंद्र सिंह तोमर, विनय सहस्रबुद्धे, राकेश सिंह और सुहास भगत शामिल हैं। बता दें कि 2013 के चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कट सकते हैं विधायकों के टिकट
एंटी एंकम्बेंसी से निपटने के लिए वर्तमान विधायकों के टिकट काटने का फॉर्मूला बीजेपी पहले भी आजमाती रही है। छत्तीसगढ़ और गुजरात में 20-30 प्रतिशत विधायकों के टिकट कटते रहे हैं। दिल्ली एमसीडी चुनाव में तो बीजेपी ने सभी वर्तमान पार्षदों के टिकट काट दिए थे और कमोबेश सफलता भी मिली थी।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए अपने आधे वर्तमान विधायकों के टिकट काट सकती है। एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'बीजेपी इस बार 70-80 विधायकों और कुछ मंत्रियों को इस बार टिकट नहीं देने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।'
मीडिया सर्वे का भी दबाव
आरएसएस के सर्वे से इतर एक अन्य मीडिया सर्वे में भी कांग्रेस 15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता पर वापसी कर सकती है। इन रुझानों को देखते हुए भी बीजेपी पूरी तरह सतर्क है।
मध्य प्रदेश का चुनावी कार्यक्रम
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 2 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन की आखिरी तिथि 9 नवंबर रखी गई है। 14 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। 28 नवंबर को मतदान आयोजित किया जाएगा और 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे।