मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक और झटका, विधायक नारायण पटेल का इस्तीफा, भाजपा में शामिल, सीएम बोले-हार्दिक स्वागत
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 23, 2020 19:08 IST2020-07-23T16:36:41+5:302020-07-23T19:08:38+5:30
बुरहानपुर जिले की नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। कुछ दिन पहले बड़ा मलाहरा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था।

लोधी, पटेल और सुमित्रा देवी के त्यागपत्र के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की ताकत घटकर 89 रह गयी है।
भोपालः मध्य प्रदेश में कांग्रेस को झटका पर झटका लग रहा है। मांधाता से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने इस्तीफा मंजूर कर लिया।
मान्धाता से विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। सीएम ने कहा कि परिवार का हिस्सा बने नारायण पटेल का हार्दिक स्वागत है! नारायण जी ने जब भी अपने क्षेत्र के हित से जुड़े विषय कांग्रेस सरकार के समक्ष रखे,उनका तिरस्कार किया गया। आप अब हमारे परिवार का हिस्सा बने हैं जिसमें जनता का हित सर्वोपरि है।
हाल ही में बुरहानपुर जिले की नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। कुछ दिन पहले बड़ा मलाहरा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था।
नारायण पटेल के त्यागपत्र के साथ ही, राज्य में कुल 230 सीटों में से 27 विधानसभा सीटें अब खाली हो गयी हैं, जिसके लिए जल्द ही उपचुनाव होंगे। सूत्रों ने बताया कि लोधी, भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के संपर्क में थे।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस को आज फिर एक झटका लगा है। कांग्रेस के खण्डवा जिले की मांधाता विधानसभा क्षेत्र के विधायक नारायण सिंह पटेल ने विधानसभा की सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा की सदस्यता से उनके त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया।
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 89
इसके बाद अब राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 89 रह गई। इस तरह अब राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश में कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे है। एक पखवाड़े के अंदर कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी है।
सबसे पहले बड़ा मलहरा के विधायक प्रद्युमन सिंह, उसके बाद नेपानगर की विधायक सावित्री कासडेकर और अब मांधाता विधानसभा क्षेत्र के विधायक नारायण पटेल ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है। पटेल ने राज्य विधानसभा पहुंचकर प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा है। उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने स्वीकार कर लिया है।
इसको लेकर शर्मा ने एक वीडियो संदेश जारी कर मीडिया को बताया कि नारायण सिंह पटेल ने उन्हें कल 22 जुलाई को इस्तीफ़ा सौंपा था, तब उन्होंने विधायक पटेल से सोच विचार करने के लिए कहा था। आज जब उन्होंने पुनः भेंटकर सदन की सदस्यता से इस्तीफ़ा मंज़ूर करने का आग्रह किया तो उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया।
मान्धाता से विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा परिवार का हिस्सा बने श्री नारायण पटेल का हार्दिक स्वागत है! : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानpic.twitter.com/2nhaFRzzKc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2020
त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये थे
इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही प्रदेश सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए मध्य प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। इसके भी पहले मार्च माह में 22 कांगेस के विधायक बागी हो त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये थे। इनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थक हैं।
इसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में 15 माह पुरानी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी। लोधी, पटेल और सुमित्रा देवी के त्यागपत्र के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की ताकत घटकर 89 रह गयी है।
इसके प्रकार कुल 25 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने तथा दो विधायकों की निधन के कारण विधानसभा में वर्तमान में 27 सीटें रिक्त हो गयी हैं और विधानसभा की प्रभावी संख्या 204 हो गयी है। इसमें भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का विधायक हैं।