नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा 25 दिसंबर को किए जाने वाले आंदोलन में डेढ़ किलोमीटर लंबा पैदल मार्च निकाला जाएगा. कांग्रेस द्वारा आंदोलन शांतिपूर्ण किया जाए, इसके लिए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आंदोलन के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से बिल का विरोध जताएं. कांग्रेस द्वारा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक आंदोलन की रणनीति तय की गई.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर केंद्र सरकार द्वारा लागू नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ 25 दिसंबर को मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा एक शांतिपूर्ण आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया है. इस आंदोलन की तैयारी एवं सहभागिता सुनिश्चित करने के संबंध में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के सभाकक्ष में एक अतिआवश्यक बैठक आयोजित की गई.
बैठक में बताया गया कि 25 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ राजधानी भोपाल में दोपहर 12 बजे शांतिपूर्ण आंदोलन किया जाएगा, प्रदेश के सभी जिलों से 25 हजार से अधिक कांग्रेसजनों को इस आंदोलन में शामिल होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
यह आंदोलन रोशनपुरा चैराहे स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा से राजभवन तक अनुशासनात्मक और क्रमबद्ध तरीके से शांति मार्च कर केंद्र सरकार के खिलाफ किया जाएगा.
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ जिन राजनैतिक दलों ने विरोध प्रदर्शित किया है, वे एवं उनके प्रतिनिधि सहित समाज के प्रबुद्ध नागरिक, सभी धर्मों के लोग, वकील, डॉक्टर, व्यापारी भी इस शांति मार्च में शामिल होंगे. बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री पी.सी. शर्मा, प्रभुराम चौधरी और जयवर्धनसिंह, अखिल भारतीय कांगे्रस के सचिव सुधांशु त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा कि प्रदर्शन एकदम शांतिपूर्ण तरीके से होगा. ॉ
प्रदेश कांगे्रस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी और कैलाश मिश्रा, अरूण श्रीवास्तव ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि आंदोलन में शामिल होने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया जाए, अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को लाना होगा तथा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित होगा. लगभग डेढ़ किलोमीटर का यह प्रदर्शन गांधीवादी और शांतिपूर्ण तरीके से होगा.
उन्होंने कहा कि जहां-जहां हिंसात्मक घटनाएं हुई हैं, वे सभी भाजपा शासित राज्य हैं. एनआरसी और सीएबी का एक ही उद्देश्य है कि एक वर्ग विशेष इससे उद्वेलित हो, जिससे देश में ध्रवीकरण की स्थिति निर्मित हो सके.