Madhya Pradesh Taja Khabar: विधानसभा पहुंचे BJP-कांग्रेस के विधायक, कमलनाथ-शिवराज सिंह ने दिखाए विक्ट्री साइन
By स्वाति सिंह | Published: March 16, 2020 11:07 AM2020-03-16T11:07:29+5:302020-03-16T11:07:29+5:30
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा है और एमपी में कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करना चाहती है। पार्टी का कहना है कि इन विधायकों को छोड़े बगैर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता।
मध्य प्रदेश में सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं इसपर संशय बरकरार है। वहीं, कांग्रेस-बीजेपी पार्टियां कमर कस चुकी है। इसी बीच दोनों पार्टियों के विधायक विधानसभा पहुंचे हैं। एक तरफ कांग्रेस दावा कर रही है कि कमलनाथ सरकार के पास बहुमत है। जबकि दूसरी और बीजेपी ने भी यही दावा किया है। कांग्रेस-बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा पहुंचते ही विक्ट्री साइन दिखाया है। कोरोना वायरस के खौफ की वजह से विधायकों को मास्क पहनाकर विधानसभा में एंट्री दी जा रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा है और एमपी में कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करना चाहती है। पार्टी का कहना है कि इन विधायकों को छोड़े बगैर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता। कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट कराने की भी मांग की है। जबकि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर फ्लोर टेस्ट से भागने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'सरकार फ्लोर टेस्ट से भाग रही है लेकिन बीजेपी के पक्ष में काफी संख्याबल है और कमलनाथ सरकार को गिरने से कोई नहीं बचा सकता। भार्गव ने कहा कि अगर थोड़ी भी नैतिकता बची है तो कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।उधर। कमलनाथ ने फिर दोहराया कि फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला स्पीकर को करना है।
Madhya Pradesh: Former Chief Minister Shivraj Singh Chouhan and BJP MLAs at the state Assembly in Bhopal. pic.twitter.com/Wm7wtZjjx4
— ANI (@ANI) March 16, 2020
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath with his party MLAs at the State Assembly in Bhopal. pic.twitter.com/X2S2whbmzT
— ANI (@ANI) March 16, 2020
बता दें कि देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं लेकिन बंधक बनाए गए विधायकों को छोड़ा जाए। इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट को उल्लेख नहीं किया गया। बीजेपी पूरा जो लगा रही है कि आज सदन में फ्लोर टेस्ट हो।
इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष एन।पी। प्रजापति ने कहा था कि इस बारे में मैं पहले से कुछ तय नहीं करता। यह सवाल अंधेरे में तीर मारने जैसा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उसपर सोमवार सुबह ही फैसला लिया जाएगा। वहीं, रविवार देर रात तक राजधानी में भाजपा नेता लगातार यह दावा करते रहे कि फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार गिर जाएगी। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने भी बीती रात से सरकार को बचाने की रणनीति तेज कर दी।
कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री निवास पर लगातार बैठकें होते रही। इस दौरान रुक-रुक कर कई मर्तबा बैठक चला। इन बैठकों में मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा सहित मंत्री भी शामिल रहे।
बता दें कि बैठकों के दौर के बीच राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य लगातार इस बात का दावा करते रहे कि सरकार फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल करेगी। राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी।सी।शर्मा, वाणिज्य कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, वन मंत्री उमंग सिंघार, खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल सहित अन्य मंत्रियों ने यह दावा किया और कहा कि कमलनाथ सरकार पूरे पांच साल चलेगी।