एमपी में 24 सीट पर उपचुनावः अपनों की नाराजगी से जूझ रही भाजपा, कांग्रेस में बड़े नेता बना रहे दूरी
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 12, 2020 06:18 PM2020-06-12T18:18:24+5:302020-06-12T18:18:24+5:30
मध्य प्रदेश कांग्रेस तैयारी कर रही थी कि राज्य के बड़े नेताओं को उपचुनावों में उतार कर भाजपा को कड़ी टक्कर दी जाए. भारतीय जनता पार्टी उपचुनाव के मैदान में उतरने से पहले उन नेताओं को मनाना चाह रही है. जो पिछले 2018 के चुनाव में कांग्र्रेस के प्रत्याशियोंं से हार गए थे.
भोपालः मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने कारणों से परेशान हैं. भाजपा में उपचुनाव के क्षेत्र वाले तमाम नेता इसलिए नाराज हैं कि उनके क्षेत्रों से कांग्रेस से आए लोगों को टिकट दिया जा रहा है.
वहीं कांग्रेस के तमाम बड़े नेता चुनाव मैदान में उतरने से इंकार कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस तैयारी कर रही थी कि राज्य के बड़े नेताओं को उपचुनावों में उतार कर भाजपा को कड़ी टक्कर दी जाए. भारतीय जनता पार्टी उपचुनाव के मैदान में उतरने से पहले उन नेताओं को मनाना चाह रही है. जो पिछले 2018 के चुनाव में कांग्र्रेस के प्रत्याशियोंं से हार गए थे.
इसके साथ ही उपचुनाव के क्षेत्रों में व्यापक असर रखने वाले नेताओं को भी उसे इस बात के लिए भी मनाना है कि वह कांग्रेस से आए पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर काम करेंगे. इसको लेकर भाजपा ने प्रदेश कार्यालय में दो दिनों से चल रही उपचुनाव के क्षेत्र वाले विधानसभा क्षेत्रों की बैठक आयोजित की थी.
संगठन महामंत्री सुहास भगत ने इस बैठक में उपचुनाव के क्षेत्र वाले भाजपा नेताओं को खूब सारी नसीहत दी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने इस बैठक में उपचुनाव के क्षेत्र वाले भाजपा नेताओं को खूब सारी नसीहत दी, लेकिन बैठक में पूर्व विधायकों के साथ ही क्षेत्रीय नेताओं की नाराजगी सामने आ गई. उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों की बैठक में कल दतिया जिले की भांडेर विधानसभा के पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया और सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट की पूर्व विधायक पारुल साहू ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उनके क्षेत्रों से कांग्रेस से आए सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को टिकट दिए जाने की तैयारी है.
पिरोनिया ने मीडिया से कहा कि उनकी हर बार पार्टी में उपेक्षा हुई है. आज प्रदेश भाजपा की संचालन समिति की बैठक में पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से जब यह पूछा गया कि सुरखी विधानसभा क्षेत्र की पारुल साहू नाराज हैं, तो उन्होंने कहा कि यह मेरी जानकारी में नहीं है.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि पार्टी में ऐसी कोई नाराजगी नहीं है
वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि पार्टी में ऐसी कोई नाराजगी नहीं है. उपचुनाव को लेकर आयोजित बैठकों में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार हैं, अगर किसी ने कोई बात रखी है तो पदाधिकारी उसे गंभीरता से लेंगे. गौरतलब है कि इसके पहले सांवेर पूर्व विधायक राजेश सोनकर, हाटपिपल्या के पूर्व विधायक दीपक जोशी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के भांजे और पूर्वमंत्री अपनी नाराजगी जता चुके है.
कांग्रेस ने आगामी दिनों में होने वाले 24 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में पार्टी के दिग्गज नेताओं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को सुरखी या बदनावर, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को मुंगावली, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को सुबासरा, रामनिवास रावत को पोहरी अथवा कोलारस और पूर्व मंत्री मुकेश नायक को सुरखी से लड़ने की संभावनाओं के बारे में तलाशा था. लेकिन इन सभी ने उपचुनाव लड़ने से किसी ना किसी बहाने मना कर दिया है. अब कांग्रेस अपने पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ भाजपा के असंतुष्टों को प्रत्याशी बनाने पर मंथन कर रही है.