लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बिहार से एनडीए के लिए अच्छी खबर नहीं है। बिहार कटिहार संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी( बीजेपी) के बागी एमएलसी अशोक अग्रवाल ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया है। वहीं बांका लोकसभा सीट से भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पुतुल कुमारी ने पर्चा भरा है। अशोक अग्रवाल से बातचीत के लिए आज (28 मार्च) को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय कटिहार जा रहे हैं।
इसी मामले पर बिहार बीजेपी के उपाअध्यक्ष विनय सिंह ने बताया, ''पार्टी अशोक अग्रवाल और पुतुल कुमारी को मनाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के देश अध्यक्ष नित्यानंद राय अशोक अग्रवाल और पुतुल कुमारी को मनाने की कोशिश करेंगे। लेकिन अगर फिर भी अशोक अग्रवाल और पुतुल कुमारी ने अपना पर्चा वापस नहीं लिया और दोनों चुनाव लड़ने पर अड़े रहते हैं तो पार्टी उनपर कार्रवाई करेगी।''
बीजेपी बना रही है अशोक अग्रवाल पर दबाव
निर्दलीय प्रत्याशी के रूर में चुनावी मैदान में उतरे अशोक अग्रवाल पर नामांकन वापस करने का पार्टी दवाब भी बना रही है। बीजेपी ने उन्हें पत्र लिखकर भी इस बात से अवगत कराया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष सह बिहार बीजेपी के प्रभारी देवेश कुमार द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि अगर आप अपना नामांकन वापस नहीं लेते तो आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। खबरों के मुताबिक अशोक अग्रवाल के बाद पार्टी के बिहार शीर्ष नेता पुतुल कुमारी से भी संपर्क कर सकती है।
कटिहार लोकसभा क्षेत्र इस बार जेडीयू के खाते में जाने पर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। जेडीयू के टिकट पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री दुलालचंद्र गोस्वामी को कटिहार से टिकट दिया गया है। कटिहार में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है। मतदान के नतीजे 23 मई को आएंगे।
सीमांचल में कटिहार में बीजेपी सबसे मजबूत
बीजेपी नेता और एमएलसी अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा था कि उन पर कार्यकर्ताओं की तरफ से निर्दलीय भी लड़ने का दबाव है। सीमांचल में कटिहार में ही बीजेपी सबसे मजबूत है। यहां बीजेपी के टिकट पर पूर्व सांसद निखिल चौधरी ने 1999, 2004, 2009 लगातार तीन चुनावों में जीत हासिल की है।
बांका लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं दिवगंत नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी
बांका लोकसभा सीट से बिहार के दिवगंत कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। यह सीट इस बार जेडीयू के खाते में जाने से पुतुल कुमारी का पत्ता कट गया है।
2014 में बीजेपी की तरफ से पुतुल कुमारी को बांका सीट से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन मोदी लहर में भी आरजेडी के उम्मीदवार जयप्रकाश यादव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2010 में दिग्विजय सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी पुतुल कुमारी उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची थी।