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2019 में सपा-बसपा में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने चुना इस नेता को, मास्टर प्लान Leak

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: August 8, 2018 14:18 IST

अमर सिंह इस वक्त सबसे मुफीद शख्स हैं जो यूपी में एसपी और बीएसपी में सेंध लगा सकते हैं।

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लखनऊ, 8 अगस्तः कुछ दिन पहले जी-न्यूज के एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इंटरव्यू के लिए बैठे थे। इस दौरान उनसे संयुक्त विपक्ष को लेकर सवाल पूछा गया। उन्होंने यहां संयुक्त विपक्ष से बीजेपी के लिए कोई चिंता की बात है, इसे सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन बात पूरी करने से पहले उन्होंने कहा- हां, यूपी में सपा और बसपा के आने से असर पड़ता है, उसके लिए हम काम कर रहे हैं। यह पहली बार था जब बीजेपी ने यह माना था कि यूपी में स्थिति चिंताजनक है। नहीं जब फूलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनावों के पहले 25 साल बाद बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी एक साथ आई थीं तो यूपी के बीजेपी मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इन्हें 'बुआ-बबुआ' को एक साथ प्रदेश से उखाड़ फेंकने का दावा कर रहे थे। लेकिन अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे चिंता का सबब माना है तो बीजेपी ने उसकी भरपाई के उपयों पर भी दिमाग लगाना शुरू कर दिया है।

नतीजनत पिछले सप्ताह अचानक से उत्तर प्रदेश की राजनीति से लगभग गायब हो चुके अमर सिंह दोबारा सुर्खियों में आ गए। खबर आई कि किसी समय में समाजवादी पार्टी की रीढ़ रहे अमर सिंह बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं। असल में हाल ही में लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम में अमर सिंह भगवा कुर्ता पहनकर पहुंचे। वह कुमार मंगलम बिड़ला से गुफ्तगू करते नजर आए। इसके बाद उनके बीजेपी में आने खबरें उड़ीं। लेकिन उन्होंने इतना कहकर फिलहाल पल्ला झाड़ लिया कि वह नरेंद्र मोदी को पसंद करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। पर फिलहाल वह बीजेपी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। इसके आगे की कहानी के बारे में मुंबई मिरर ने एक खबर प्रकाशित की है। मुंबई मिरर के अनुसार अमर सिंह अर्से तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के राजपूतों का वोट अपनी पार्टियों के खींचते रहे हैं। लेकिन फिलहाल जबसे समाजवादी पार्टी ने उन्‍‌हें पार्टी से बाहर किया है, वे किसी पार्टी में नहीं हैं।

हालांकि राजपूत वोट मात्र अमर सिंह को बीजेपी की तरफ खींचने की वजह नहीं है। यह तो बेहद गौण कारण है, प्रधान कारण यह है कि ‌आज भी अमर सिंह ओहदा ऐसा है कि वह कुछ सांसदों की तोड़-भांज करने में सक्षम है। अमर सिंह का इतिहास रहा है। वे जोड़-तोड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। बीजेपी को यूपी में फिलहाल ऐसा ही आदमी चाहिए, जो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को कमजोर करे। क्योंकि बीजेपी कतई इस बात का डर नहीं कि उसका वोट एसपी-बीएसपी तोड़ पाएंगी। बीजेपी को केवल यह भय है कि ये दोनों पार्टियां मिलेंगी तो बीजेपी के वोट कम पड़ जाएंगे। अमित शाह से बेहतर इस बात कोई नहीं समझता। उन्होंने साल 2014 में यूपी की 80 सीटों में 73 सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को दिलाई थीं। इसमें प्रमुख भूमिका उन नेताओं ने अदा की थी, जो बीएसपी, एसपी और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे।

पिछले महीने प्रधानमंत्री पांच बार यूपी के दौरे पर गए। अमित शाह ने दो दिन का आधि‌कारिक व कई छोटे-छोटे दौरे शामिल रहे। इसमें मां-विध्ववासिनी देवी की पूजा से लेकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन से लेकर यूपी बीजेपी की कई छोटी-ईकाइयों से मुलाकातों का दौर चला। इसी के बाद उभर आए अमर सिंह, जो इन दिनों एक जमीन तलाश रहे हैं, जहां से फिर से अपनी खोई साख वापस पा सकें। ऐसे में बीजेपी और अमर सिंह दोनों के लिए यह एक मुफीद समय है जब एक-दूसरे का दामन थाम लेना चाहिए।

इस मसले पर मुंबई को उनके पीएम मोदी के बेहद करीबी एक सूत्र ने बताया, अमर ‌सिंह के संबंध में पूरी जमीन तैयार हो चुकी है। यह अचानक नहीं हुआ है। ऐसा नहीं है कि हम उनके पास गए और उनसे सीधे बोले‌ कि सुनिए हमें आपकी मदद चाहिए। उनके में अपने तरह हा अहंकार भी है। इसलिए इस मसले पर काफी समय से बात चल रही थी। वे लगातार बातचीत में हैं। असल में अमर सिंह के बीजेपी में खींचने के चार पहलू हैं-

अगर अमर सिंह बीजेपी में आए...

1- अमर सिंह के एक रिश्तेदार देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक हैं। अमर ‌सिंह के कई फिल्म निर्माताओं से बहुत अच्छे संबंध हैं। वह पहले भी अपनी पा‌र्टियों के चंदे में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह इस पक्ष से भी अमर ‌सिंह के बारे में सोच रही होगी।

2- अंग्रेजी दैनिक के एक अंदरूनी सूत्र के मुताबिक बीजेपी अमर सिंह को निर्णायक सीटों के लिहाज से भी देख रही है। पार्टी को डर है कि वह जीत तक तो पहुंच सकती है। लेकिन शायद पार्टी को डर सता रहा है कि वह बहुमत नहीं पहुंच पाएगी। इसके लिए पार्टी कई स्तर पर काम कर रही है। उनमें एक काम यह है ‌भी है कि अमर सिंह को बीजेपी लाना।

3- योगी आदित्यनाथ खुद भी क्षत्रिय जाति से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों में उन्होंने खुद एक हिन्दू राजनेता और यूपी के सीएम के तौर पर उभारा है। ऐसे में उनका यह फैक्टर कमजोर हो गया है। जबकि अमर सिंह की पहचान राजपूत वोटर में उनके नेता के तौर पर ही है।

4- अमर सिंह इस वक्त सबसे मुफीद शख्स हैं जो यूपी में एसपी और बीएसपी में सेंध लगा सकते हैं।

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