लालू यादव ने फिर किया ट्वीट, लिखा- अब जनता करेगी कमल के फूल की वोटबंदी
By एस पी सिन्हा | Published: April 4, 2019 03:29 PM2019-04-04T15:29:51+5:302019-04-04T15:29:51+5:30
लालू प्रसाद यादव का सोशल मीडिया अकाउंट अब भी खाफी सक्रिय हैं. उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लगातार सरकार और समाज को लेकर टिप्पणी की जाती रही है. उनके निशाने पर विरोधी दलों के नेता भी रहते हैं.
बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव जेल में बंद रहते हुए भी राजनीति में सक्रिय हैं. वैसे, फिलहाल वह रांची के रिम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं. यहां रहते हुए भी उनका सोशल मीडिया अकाउंट अब भी खाफी सक्रिय हैं. उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लगातार सरकार और समाज को लेकर टिप्पणी की जाती रही है. उनके निशाने पर विरोधी दलों के नेता भी रहते हैं.
ऐसे में एक बार फिर आज लालू यादव ने भाजपा पर ट्वीट कर जनता से कमल के फूल की वोटबंदी का आह्वान किया है. अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'उसने नोटबंदी ही नहीं रोजगार बंदी भी की है और युवाओं की सोचबंदी भी... अब जनता करेगी कमल के फूल की वोटबंदी.' वहीं, उनके इस ट्वीट का जदयू ने भी तीखा जवाब दिया है.
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने ट्वीट कर लिखा है, 'कमल के फूल की बंदी होगी या यह और खिलेगा, यह तो जनता तय करेगी पर आपके सम्पत्तिसृजन की बंदी और आपको भ्रष्टाचार के मामले में बंदी कर, एक जरूर साबित किया है कि सत्ता 'सेवा' की चीज है 'मेवा पाने' की नहीं..!!'
उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा है, 'वैसे बंदी कोई भी हो...!!! परन्तु आपके बंदी होने से आपके पुत्रों को रोजगार मिल गया.. दुर्भाग्य, द्वापर युग की तरह 5 गांव ...बनाम 2 सीट ..में मामला फंस गया. कहीं महाभारत की तैयारी तो नहीं..!!'
यहां बता दें कि लालू यादव ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस टिप्पणी का भी ट्विटर से जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार के घर-घर में बिजली है और अब प्रदेश में लालटेन-ढिबरी की जरूरत नहीं.
लालू ने अपने जवाब में लिखा था, 'नीतीश बोलता हैं कि अब ‘लालटेन’ की जरूरत नहीं है, लेकिन यह नहीं जानते कि बिजली जाने पर तो ‘लालटेन’ जलाना ही पड़ता है. अब कोई नीतीश को समझाए कि उसका निशान ‘तीर’ तो द्वापर युग में ही खत्म हो गया था. अब उनका वह ‘तीरवा’ कमल के फूल को चीरने के काम आ रहा है. का समझे? कुछ बुझे?'