इलाज के लिए दिल्ली पहुंचे लालू यादव, बिहार दंगे पर बोले- खत्म हो चुके हैं नीतीश कुमार
By भारती द्विवेदी | Updated: March 29, 2018 13:29 IST2018-03-29T13:29:11+5:302018-03-29T13:29:11+5:30
वहीं सरकार पक्ष के लोग इस मुद्दे पर हालात कंट्रोल और आरोपियों के पकड़े जाने की बात कर रहे हैं।

इलाज के लिए दिल्ली पहुंचे लालू यादव, बिहार दंगे पर बोले- खत्म हो चुके हैं नीतीश कुमार
नई दिल्ली, 29 मार्च: रामनवमी की दिन से बिहार के चार जिलों में हिंसा भड़की हुई है। इस हिंसा को लेकर बिहार सरकार सवाल के घेर में हैं। लोग नीतीश कुमार के सुशासन बाबू वाली छवि पर सवाल उठा रहे हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी नीतीश कुमार पर सवाल उठाया है। एम्स में इलाज के लिए दिल्ली आए लालू प्रसाद यादव ने कहा है-'ख्तम हो चुके हैं नीतीश कुमार। बिहार में दंगा और हिंसा हो रहा। भाजपा ने पूरे राज्य में आग लगा दी है।'
Nitish Kumar is now finished. There are riots & incidents of violence all over Bihar. BJP has set the whole state ablaze: Lalu Prasad Yadav after being brought to #Delhi for treatment at AIIMS pic.twitter.com/G1aPtoGEg3
— ANI (@ANI) March 29, 2018
वहीं कभी राजद सरकार का हिस्सा होने वाले, नीतीश सरकार में मंत्री रहे विधायक श्याम रजक ने सरकार का बचाव करते हुए कहा है- 'ऐसा नहीं है कि पुलिस कम पड़ गई है। कभी-कभी कुछ उचक्के होते हैं, कुछ लुटेरे होते हैं जो छुप के काम करते हैं। लेकिन अपराधियों को पकड़ा जाएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।' श्याम रजक ने बात भाजपा मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे को पकड़ने को लेकर कहा है।
Aisa nahi ki police kam pad gayi, kabhi kabhi kuch ucchake hote hain,kuch lootere hote hain jo chhup ke kaam karte hain,lekin apradhiyon ko pakda jayega,baksha nahi jayega: Shyam Rajak,JDU MLA on Union Minister Ashwini Chaubey's son Arijit not arrested yet despite warrant pic.twitter.com/GpoRldsHWJ
— ANI (@ANI) March 29, 2018
बता दें कि रामनवमी की जुलूस निकालने को लेकर 17 मार्च को भागलपुर में हिंसा शुरू हुई थी। जिसके बाद ये बढ़ते-बढ़ते बिहार के चार जिलों समस्तीपुर, औरंगाबाद और मुंगेर तक फैल गई। भागलपुर में एक रैली के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसी मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। अरिजीत को आरोपी बनाते हुए उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में कहा गया था कि अरिजीत के नेतृत्व में भारतीय नववर्ष जागरण समिति की ओर से विक्रम संवत के पहले दिन नववर्ष को मनाने के लिए जुलूस निकाला गया था।