नई दिल्ली, 8 मार्च: त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने के साथ ही पिछले दो-तीन दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कई नेताओं की मूर्ति तोड़ी गई है। इस दौरान कोलकाता में भारतीय जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति भी तोड़ी गई और आरोप तृणमृल के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब इस विवाद पर बोला है। उन्होंने कहा है- 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति के साथ जो हुआ हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन इसके लिए तृणमूल को क्यों दोष दिया जा रहा है।आप अपना काम करें, मुझे मेरा करने दें। जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं, उनकी निंदा होनी चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं, वो बंगाल का गौरव नहीं हो सकते हैं। त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति के साथ जो हुआ मैं उसकी भी निंदा करती हूं।'
वहीं दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ने का विरोध करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में धरना-प्रदर्शन शुरू किया है।
इस धरना-प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हाथपाई भी हुई है।
बता दें कि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्य के 13 जिलों में हिंसा भड़की थी। हिंसा के बीच में ही 6 मार्च को त्रिपुरा के बेलोनिया सबडिविजन में बुलडोजर से रूसी क्रांति के नेता व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति तोड़ दी गई थी। जिसके बाद देश के अलग-अलग जगहों पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, महात्मा गांधी, अबंडेकर समेत कई नेताओं की मूर्ति तोड़ी गई है। हालांकि देशभर में मूर्ति तोड़ने की घटनाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय से बात की और कहा कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवायजरी जारी करते हुए अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।