नई दिल्लीः कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने आज मोदी सरकार पर चौमुखी हमला करते हुये आरोप लगाया कि वह आंदोलनकारी किसानों को लेकर पूरी तरह असंवेदनशील और अहंकार में है।
सोनिया ने अर्नब गोस्वामी के व्हाट्सप्प चैट को लेकर सरकार को घेरते हुये कहा कि यह सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने खराब अर्थव्यवस्था, महँगाई और आम जन के लिये कोरोना वैक्सीन जैसे मुद्दों को उठाते हुये उसकी कड़ी आलोचना की।
पार्टी ने 3 प्रस्ताव पारित कर घोषणा की कि कांग्रेस किसानों के समर्थन में ब्लॉक से लेकर राज्यों तक आंदोलन, घेराव और सम्मेलन करेगी। ब्लॉक स्तर पर 10 फ़रवरी तक ,जिला स्तर पर 20 फ़रवरी तक और राज्यों 28 फ़रवरी तक यह कार्यक्रम चलेंगे।
अर्नब मामले में पार्टी ने जेपी सी गठित कर जांच कराने की माँग की। वैक्सीन को लेकर पार्टी की मांग थी कि अनुसूचित जाति ,जनजाति ,पिछड़ों और ग़रीबों को मुफ़्त वैक्सीन देने की सरकार घोषणा करे। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय भाजपा सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं।
सच्चाई यह है कि उनकी चुप्पी, उनकी मिली भगत, अपराध में साझेदारी एवं प्रथम दृष्टि से दोषी होने का सबूत है। लेकिन ज़िम्मेदारी व जवाबदेही सुनिश्चित करने की निरंतर उठ रही मांग को दबाया नहीं जा सकता। यह तूफान रुकेगा नहीं और हम देश की सुरक्षा को खतरे में डालने एवं विरोधियों की मदद करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार से जवाब मांगते रहेंगे। जो लोग राजद्रोह के दोषी हैं, उन्हें कानून के सामने लाया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
पार्टी ने अपने प्रस्ताव के ज़रिये माँग की कि इन तीन विवादास्पद क़ानूनों को खत्म किया जाए। पार्टी मानती है कि केंद्र सरकार किसानों को बरगलाकर, बांट कर, धमकाकर उनके साथ सौतेला व्यवहार, धोखा एवं छल कर रही है। भाजपा सरकार को यह अटल सच्चाई जान लेनी चाहिए कि भारत का किसान न तो झुकेगा और न ही पीछे हटेगा।
अपने तीसरे प्रस्ताव में पार्टी ने साफ़ किया कि टीका करण का कार्यक्रम इस तरह से संचालित होना चाहिए, जिससे जनता का भरोसा एवं विश्वास मजबूत हो। पहली पंक्ति में खड़े स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा, राज्य सरकारों को उनके राज्यों में टीका लगवाने वालों का विशेष क्रम निर्धारित करने का विकल्प दिया जाना चाहिए, जिससे टीका करण का कार्यक्रम तीव्र व प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ सके।