केरल विधानसभा स्पीकर ने सरकारी खर्चे पर लगवाया 50,000 का चश्मा, विवादों में घिरे
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: February 3, 2018 17:37 IST2018-02-03T17:26:55+5:302018-02-03T17:37:54+5:30
पी श्रीरामकृष्णन ने सरकारी खर्चे पर 4,900 रुपये का फ्रेम और 45,000 रुपये के लेंस खरीदे। करीब एक साल तीन महीनों में 4.25 लाख रुपये का इलाज कराया।

केरल विधानसभा स्पीकर ने सरकारी खर्चे पर लगवाया 50,000 का चश्मा, विवादों में घिरे
केरल विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन सरकारी खर्चे पर 50,000 रुपये चश्मे खरीदने को लेकर विवादों से घिर गए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की सीट पर पोन्नई विधानसभा से चुने गए विधायक व वर्तमान स्पीकर ने अपने चश्मे खरीदने के लिए करीब 50,000 रुपये नकद सरकार से रीइंबर्स करा लिए।
यह जानकारी सीपीआई (एम) की नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के 2018-19 का बजट पेश करने के ऐन बाद आई, जिसमें नकदी संकट खत्म करने पर बहुत जोर दिया गया था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार का दोहरापन खुलकर सामने आ गया है। आरटीआई कोच्चि के एक वकील डीबी बीनू ने डाली थी। उन्हें आरटीआई का जवाब विधानसभा सचिवालय ने भेजा है। इसमें बताया गया है कि स्पीकर के चश्मे के लिए सरकारी खजाने से 49,900 रुपये का भुगतान किया गया है।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार स्पीकर को भुगतान किए गए पैसों में 4,900 रुपये उनके चश्मे के फ्रेम के लिए दिए गए हैं। जबकि बाकी के 45,000 रुपये उनके लेंसों के लिए दिए गए हैं।
इतना ही नहीं स्पीकर श्रीरामकृष्णन ने 5 अक्टूबर 2016 से 19 जनवरी 2018 के बीच 4.25 लाख रुपये मेडिकल रीइंबर्समेंट कराया है। यानी करीब 1 साल 3 महीनों में सवा चार लाख रुपये का इलाज कराया है। आरटीआई के अनुसार उन्होंने चश्मा खरीदने की वजह डॉक्टरी सलाह को बताया है। उन्हें डॉक्टरों ने कहा कि वे 50 हजार रुपये का चश्मा लगवा लें।
हालांकि इसके बावजूद बीनू का आरोप है कि उन्होंने अपनी आरटीआई में श्रीरामकृष्णन की ओर से जारी किए गए बिलों की प्रतियां भी मांगी थीं। लेकिन सचिवालय ने उन्हें वह नहीं दी हैं। इसके लिए वह राज्य सूचना आयोग से शिकायत करेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले केरल की स्वास्थ मंत्री केके शैलजा के 28,000 रुपये का चश्मा खरीदने पर जमकर विवाद हुआ था। उस वक्त भी सरकार ने उन्हें इतने पैसे चश्मे के लिए रीइंबर्स कर दिए थे।