अगर कर्नाटक में बीजेपी ने बनाई सरकार तो 2019 का लोकसभा चुनाव हार जाएंगे नरेंद्र मोदी?
By राहुल मिश्रा | Published: May 16, 2018 10:42 AM2018-05-16T10:42:53+5:302018-05-16T11:04:25+5:30
कर्नाटक चुनाव की उथल के बीच आज हम आपको एक ऐसा संयोग बताने जा रहे हैं जिससे न तो कांग्रेस अछूती है और न ही भारतीय जनता पार्टी!
कर्नाटक में 15 मई का दिन राजनीति के लिहाज से काफी गहमा-गहमी वाला रहा। शाम तक परिणाम आते आते भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी सरकार बनाने की दौड़ में कांग्रेस से पिछड़ गई। हालांकि बहुमत के आंकड़े से पीछे छूटने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने के लिए जेडीएस को समर्थन देने की घोषणा तो कर दी लेकिन शाम होते होते बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार येदियुरप्पा कांग्रेस से पहले ही राज्यपाल से मिलने पहुंच गए और राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का मौका दे दिया। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं के बाद जेडीएस के नेता कुमारस्वामी भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे।
मंगलवार को रुझानों में काफी देर तक भाजपा ही बहुमत के आसपास थी। लेकिन, दोपहर बाद वह 104 सीटों पर ठहर गई। बहुमत से भाजपा के 8 सीटें दूर रहने का फायदा कांग्रेस ने उठाया। उसने गोवा-मेघालय का सबक याद रखा, जहां वह सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई थी। यह भी पढ़ें- कर्नाटक LIVE: जेडीएस का दावा बीजेपी कर रही है विधायकों से सम्पर्क, हुई जेडीएस विधायक दलों की बैठक
कर्नाटक चुनाव की उथल के बीच आज हम आपको एक ऐसा संयोग बताने जा रहे हैं जिससे न तो कांग्रेस अछूती है और न ही भारतीय जनता पार्टी क्योंकि यह संयोग हर बार के कर्नाटक विधानसभा परिणामों के बाद बनी सरकार और लोकसभा चुनावों के परिणाम से जुड़ा हुआ है।
चलिए हम आपको 90 के उस दौर में लिए चलते हैं जहां से इस संयोग की शुरुआत हुई थी-
साल 1989 कर्नाटक चुनाव-
यह वो साल था जब कांग्रेस ने कर्नाटक में भारी बहुमत से सरकार बनाई थी लेकिन उसी साल कुछ ऐसा हुआ कि कांग्रेस की हालत खस्ता हो गई। साल 1989 में ही हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों ने पूरे देश को हैरान कर दिया क्योंकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार गई। यहां से इस संयोग की शुरुआत हुई थी। यह भी पढ़ें- कर्नाटक में खरीद-फरोख्त शुरू? कांग्रेस विधायक का दावा- बीजेपी नेताओं ने किया फोन, मंत्री पद देने का किया वादा
साल 1994 कर्नाटक चुनाव-
साल 1994 में जेडीएस ने कर्नाटक जीत कर सरकार बनाई लेकिन अगले लोकसभा चुनाव यानी 1998 के लोकसभा चुनाव हार गई।
साल 1999 और 2004 कर्नाटक चुनाव-
यहां संयोग फिर से दोहराया गया और साल 1999 में कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाई लेकिन उसी साल हुए लोकसभा चुनाव हार गई। साल 2004 में जेडीएस ने एक बार फिर कर्नाटक में सरकार बनाई लेकिन उसी साल हुए लोकसभा चुनावों में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा।
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साल 2008 कर्नाटक चुनाव-
इस संयोग से बीजेपी भी अछूती नहीं रही और साल 2008 में कर्नाटक में सरकार बनाने के अगले ही साल 2009 में लोकसभा चुनाव हार गई।
इस संयोग के लिहाज से देखा जाए तो कहा जा सकता है कि जब भी कोई पार्टी कर्नाटक में सरकार बनाती है तब वो उसके बाद का लोकसभा चुनाव हार जाती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2018 में कर्नाटक में सरकार बनाने वाली पार्टी को 2019 में लोकसभा चुनावों में हार का सामना तो नहीं करना पड़ेगा क्योंकि पिछले 29 सालों से यह धारणा बनी हुई है कि जो भी पार्टी कर्नाटक में सरकार बनाती है वो अगला लोकसभा चुनाव हार जाती है!