बेंगलुरु, 1 मईः कर्नाटक में सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच आए दिन बयानबाजी चल रही है। दोनों पार्टियों ने इस चुनाव को लेकर अपनी ताकत झोंक दी है। वहीं बीजेपी एक बड़ी गलती करती हुई दिख रही है। जिसके कारण हो सकता है उनकी मुसीबतें बढ़ जाए। बात दरअसल ये है कि बीजेपी द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में तीन उन नेताओं के भी नाम शामिल है, जिन्हें 2012 में कर्नाटक विधानसभा में पोर्न देखते पकड़ा गया था। नेताओं के पोर्न देखने का खुलासा वहां के लगे सीसीटीवी के रिकॉर्ड में हुए फूटेज से हुआ। इस बात की जानकारी जैसे ही सामने आई सबके अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रहीं है।
एक वरिष्ट पत्रकार नलिनी सिंह ने लिखा है ' उन तीनों नेताओं को बीजेपी ने टिकट दिया जो पोर्न देखते पकड़े गए थे। मोदी-शाह का एक और मास्टरस्ट्रोक'
वहीं इस पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा 'मध्य प्रदेश के गृहमंत्री का बयान, कहा कि पोर्न वेबसाइट के कारण बढ़ रही है रेप की घटनाएं। साहब अगर पोर्न वेबसाइट ही रेप का कारण है तो मैं आपको बता दूँ कि कर्नाटक असेंबली में जो नेता पोर्न देखता हुआ पकड़ा गया था वह बीजेपी का ही नेता था, और अब उस नेता को दुबारे से टिकट क्यों दी गयी? उन्होंने इसे हैशटैग दोगलापन के साथ पोस्ट किया है।
इस पर गुजरात ने नेता अल्पेश ठाकोर ने लिखा 'कर्नाटक विधानसभा में पॉर्न-मूवी देखते हुए पकड़े गए अपने एमएलए को बीजेपी ने फिर से दिया टिकट, क्या बीजेपी के लोग ऐसे बेटियों को बचाएंगे??
बता दें कि 2012 में कर्नाटक में बीजेपी सरकार की सत्ता के दौरान एक दिन विधानसभा चर्चा के समय मौजूदा पर्यावरण मंत्री जे कृष्णा पालेमर, महिला और बाल विकास मंत्री सीसी पाटिल और एक अन्य मंत्री लक्ष्मण सावदी मोबाइल में पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद यह काफी चर्चा में रहा था। इस बात को लेकर विपक्षी पार्टियों ने नेताओं के इस्तीफे की भी मांग की थी। लेकिन बाद में इस घटना पर अपने मंत्रियों अपने बचाव करते हुए मंत्री लक्ष्मण सावादी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था 'मिस्टर पालेमार मुझे पश्चिमी देश में हुए एक महिला के गैंगरेप की वीडियो दिखा रहे थे, जिसे ब्लू फिल्म समझ लिया गया, लेकिन वह ब्लू फिल्म नहीं थी।'