ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर ''बुआ'' वसुंधरा राजे को याद आईं राजमाता, जानें ट्विटर पर क्या लिखा
By गुणातीत ओझा | Updated: March 11, 2020 15:16 IST2020-03-11T15:16:37+5:302020-03-11T15:16:37+5:30
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहरा गया। कमलनाथ सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है। 22 विधायकों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर ''बुआ'' वसुंधरा राजे को याद आईं राजमाता
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ज्योतिरादित्य को बधाई दी है। राजे ने ज्योतिरादित्य के भाजपा के साथ आने के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करती। ज्योतिरादित्य ने राजमाता जी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला लिया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूं। बता दें कि ज्योतिरादित्य रिश्ते में वसुंधरा राजे के भतीजे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया स्व. माधवराव सिंधिया के बेटे और ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया के पोते हैं। उनकी बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया राजमाता विजयाराजे की बेटी और माधवराव सिंधिया की बहन हैं। राजमाता विजयराजे सिंधिया जनसंघ के जमाने से ही उसके साथ थीं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उनके मधुर राजनीतिक संबंध थे। राजमाता विजयाराजे सिंधिया हमेशा यही चाहती थीं कि उनके उत्तराधिकारी भाजपा में रहकर ही चुनाव लड़ें।
If Rajmata Sahab was here today, she would be elated to see you put the #NationFirst.
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 11, 2020
I admire your strength of character and courage. It’s good to be on the same team.
Welcome to the BJP.@JM_Scindiapic.twitter.com/O1BU80R5By
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाजेपी ज्वॉइन करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आज हम सबके लिए बहुत खुशी का पल है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और बीजेपी दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं।
बता दें, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहरा गया। कमलनाथ सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केवल 88 विधायक पहुंचे थे और 26 विधायक अता-पता नहीं चला। इन 26 विधायकों में से 22 विधायकों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने अपने पार्टी के 19 विधायकों के साथ बैठक की, जिन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सिंधिया के साथ कोई भी जाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें गुमराह किया गया और बेंगलुरु ले जाया गया, ज्यादातर ने कहा कि वे बीजेपी में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं।
वहीं, कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने कहा कि हमारे पास गिनती है, जो हम विधानसभा के पटल पर साबित कर देंगे, नंबर की कोई कमी नहीं है। बेंगलुरु वाले विधायक हमारे साथ हैं, वो कांग्रेस के साथ हैं। विधानसभा में हम अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। बीजेपी के विधायक भी हमारे टच में हैं। कुल 4 निर्दलीय विधायक हैं, चारों हमारे साथ हैं। विधायक सभी हमारे साथ हैं जो सिंधिया जी के साथ गए हैं वो भी हमारे साथ हैं क्योंकि वो समझ रहे हैं कि एक व्यक्ति की महत्वकांक्षा के चलते उन सबके भविष्य दांव पर हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।