बिहार चुनाव: महागठबंधन से नाराज जीतन राम मांझी कल NDA में होंगे शामिल, कहा- सीट मुद्दा नहीं, विकास के लिए थामेंगे हाथ
By पल्लवी कुमारी | Published: September 2, 2020 11:22 AM2020-09-02T11:22:43+5:302020-09-02T11:22:43+5:30
Bihar Assembly Election 2020 बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होगा। कोविड महामारी के बीच होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग (ईसी) की ओर गाइडलाइन जारी किए जाएंगे।
पटना: बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन से नाराज जीतन राम मांझी ने एनडीए (NDA)में शामिल होने का फैसला कर लिया है। जीतन राम मांझी के साथ-साथ उनकी पूरी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) भी कल (3 सितंबर) को NDA में शामिल होगी। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा पिछले महीने महागठबंधन से अलग हुई थी। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने कहा है कि उनकी पार्टी के लिए विकास ही मुद्दा है, सीट के लिए वह NDA में शामिल नहीं हो रहे हैं।
दानिश रिजवान ने कहा है कि हमारी पार्टी का विलय नहीं हो रहा है, हम NDA गठबंधन में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की विकास धारा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। इसलिए हमारे नेता जीतन राम मांझी ने फैसला किया है कि हम 4 सितंबर को NDA में शामिल होंगे।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने 20 अगस्त को प्रदेश के महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था। हालांकि उन्होंने उस वक्त स्पष्ट नहीं किया था कि भविष्य में वह एनडीए या किसी अन्य मोर्चे का हिस्सा बनेगी या नहीं।
Hindustani Awam Morcha (HAM) to join NDA tomorrow, in Bihar. https://t.co/cKojAZxQsh
— ANI (@ANI) September 2, 2020
सूत्रों के मुताबिक कई स्थानीय मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि जीतन राम मांझी को 9 विधानसभा की सीट के साथ एक एमएलसी और अगली सरकार में एक मंत्री पद देने पर सहमति हुई है। हालांकि दावा ये भी किया जा रहा है कि जीतन राम मांझी इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि इस बात की कहीं से कोई पुष्टि नही की गई है।
बिहार में जीतन राम मांझी खुद को दलित नेता के रूप में पेश करते रहे हैं। इससे पहले वो नीतीश कुमार की पार्टी में थे। 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था।
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। जदयू के नेतृत्व में राजग पिछले लगभग 15 सालों से बिहार की सत्ता में है। लोजपा भी इसका एक घटक दल है। पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर राजग ने कब्जा किया था।