जीतन राम मांझी के दो ट्वीट से बिहार की राजनीति में हलचल, क्या खुल गई JDU-BJP के रिश्तों की पोल!
By एस पी सिन्हा | Updated: January 10, 2021 15:17 IST2021-01-10T15:03:07+5:302021-01-10T15:17:35+5:30
जीतनराम मांझी ने एक ट्वीट में बिना किसी पार्टी का नाम लिए ये कहा कि एनडीए में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश होती रही है। उन्होंने लिखा कि नीतीश कुमार से राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना सीखा जा सकता है.

जीतन राम मांझी ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर बोला हमला (फाइल फोटो)
पटना: बिहार के एनडीए में शामिल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने इशारों में ही सही, सरकार में शामिल भाजपा पर बड़ा हमला किया है. दरअसल, दो दिनों से पटना में चल रही जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस बात पर मंथन कर रहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के बुरे प्रदर्शन के पीछे कौन सी वजह रहे?
जदयू के नेताओं ने कार्यकारिणी की बैठक में खुलकर भाजपा की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए सीधा आरोप लगाया है कि भाजपा की वजह से विधानसभा चुनाव हारे. नीतीश कुमार ने भी अपने नेताओं के सामने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उन्हें दोस्त और दुश्मन की अच्छे तरीके से पहचान है.
इसी बीच जदयू के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी भाजपा की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मांझी ने एक तरफ इशारों ही इशारों में भाजपा पर हमला बोला है तो दूसरी तरफ राजद नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य बताया है.
ट्वीट के जरिए मांझी ने किस पर बोला हमला?
मांझी ने एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट किए हैं. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि नीतीश कुमार से राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना सीखा जा सकता है. किसी का नाम लिए बिना उन्होंने आगे लिखा है कि गठबंधन में शामिल दलों के आंतरिक विरोध और साजिशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश कुमार की राजनीतिक महानता है.
राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना अगर सीखना है तो @NitishKumar जी से सीखा जा सकता है,गठबंधन में शामिल दल के आंतरिक विरोध और साज़िशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश जी को राजनैतिक तौर पर और महान बनाता है।
— Jitan Ram Manjhi (@JitanramMajhi) January 10, 2021
नीतीश कुमार के जज़्बे को सलाम.
इसके कुछ मिनटों बाद ही उन्होंने दूसरा ट्वीट कर तेजस्वी यादव के प्रति अपना सॉफ्ट कॉर्नर दिखाया. मांझी ने तेजस्वी को बिहार का भविष्य तो बताया ही, यहां तक कह गए कि सही वक्त पर सबकुछ हो जाएगा. उन्होंने ट्वीट में कहा कि जब आप अपने दल के राजनीतिक कार्यक्रम खरमास के बाद आरंभ कर रहे हैं, तो मंत्रिपरिषद के विस्तार पर इतने क्यों उतावले हो रहे हैं? सही वक्त पर सबकुछ हो जाएगा. बस आप पॉजिटिव राजनीति कीजिए.
जीतन राम मांझी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब नीतीश कैबिनेट का विस्तार करीब है. उम्मीद जताई जा रही है कि मकर संक्रांति के बाद भाजपा जब अपने नेताओं की लिस्ट भेजेगी तो नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.
जीतन राम मांझी खुद कह चुके हैं कि उन्हें नीतीश कैबिनेट में एक और मंत्री पद चाहिए ऐसे में जदयू का जो दर्द भाजपा के रवैया पर सामने आया है उसमें मांझी भी नीतीश के साथ खड़े दिखने को तैयार है. वहीं, जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को भी सलाह दी है. मांझी ने कहा कि आप बिहार के भविष्य हैं. आपको अनर्गल बयान से बचना चाहिए.
नीतीश भी कर चुके हैं भाजपा पर हमला
बता दें कि नीतीश कुमार ने शनिवार को सहयोगी भाजपा पर इशारो-इशारो में बडा हमला बोला था. जदयू की दो दिवसीय राज्य परिषद की बैठक में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि चुनाव प्रचार के समय शाम में आते थे तभी संदेह पैदा हो गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन? किस पर भरोसा करें किस पर नहीं करें? लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में 5 महीना पहले ही सब कुछ तय होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका नतीजा हुआ कि ज्दयू 43 सीटों पर आकर ठहर गई. उन्होंने अपने नेताओं के मनोबल को बढाते हुए कहा था कि चिंता छोड़िए और मजबूत होना है. परिवर्तन जरूर होगा.
नीतीश ने कहा कि जदयू को कम सीटें आने की वजह से वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे. लेकिन भाजपा और दल के नेताओं की वजह से कुर्सी संभालना स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के कामों को हमारे साथियों ने घर-घर तक नहीं पहुंचाया. साथ ही लोगों ने दुष्प्रचार किया.
जीतन राम मांझी की मंशा क्या है
जानकारों की मानें तो जीतन राम मांझी लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में 4 सीटें जीतने के बाद विधान पार्षद बेटे को मंत्री बनवा दिया है. इतने से लेकिन उनका मन भरा नहीं, लिहाजा नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. पहले अपने साथी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर सवाल खड़े किये, उधर से पुचकारे जाने के बाद अब भाजपा को नसीहत देने में जुटे हैं.
जानकार बताते हैं कि जीतन राम मांझी यूं ही नहीं भाजपा को नसीहत दे रहे बल्कि इसके पीछे उनका हिडेन एजेंडा है. वे जदयू के पक्ष में मैदान में खुलकर उतर भाजपा को मैसेज दे रहे कि हम नीतीश कुमार के पक्ष में खडे हैं. ऐसे में भाजपा बैकफुट पर आयेगी और उनका हिडेन एजेंडा कामयाब हो जाएगा.
मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वह जब भी अपने कैबिनेट का विस्तार करते हैं तो उन्हें एक और मंत्री पद दिया जाए और साथ ही बिहार विधान परिषद में एक सीट दी जाए.
जानकार बताते हैं कि मांझी की मांग पर भाजपा अडंगा लगा सकती है. लिहाजा जीतन राम मांझी अब भाजपा पर प्रेशर बनाने में जुट गए हैं. वे जदयू के बहाने भाजपा पर हमला बोलना शुरू कर दिया है.
