नई दिल्लीः नियंत्रण रेखा से चीनी सैनिकों की वापसी की ख़बरों के बावजूद राहुल गांधी मोदी पर अपने हमले की धार को कमज़ोर करने को तैयार नहीं है।
राहुल गांधी ने सरकार को आगाह किया कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना सरकार का सर्वोच्च कर्तव्य है। उन्होंने बिना मोदी का नाम लिये ट्वीट किया कि यथास्थिति कायम रखने के लिये जोर क्यों नहीं दिया गया, उनका सीधा इशारा अजित डोभाल की चीन से हुई बातचीत की ओर था।
20 भारतीय जवानों की शहादत को लेकर भी राहुल ने सवाल दागा और पूछा कि क्यों हमारी सीमा में निहत्थे जवानों की हत्या को जायज़ ठहराने की अनुमति चीन को दी गयी। जो सरकारी बयान ज़ारी किया गया गलवान घाटी को लेकर क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लेख क्यों नहीं किया गया।
राहुल लगातार भाजपा और मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के अंदर नेताओं का एक ग्रुप इस तरह हर रोज़ किये जाने वाले हमलों को लेकर सहज़ नहीं है, जिसकी झलक कार्य समिति की पिछली बैठक में सामने आयी थी, इतना ही नहीं विपक्षी दलों के नेता या तो खामोश हैं अथवा जो बोल रहे हैं उनके स्वर बदले हुये हैं।
बावजूद इसके राहुल अपनी रणनीति बदलने को तैयार नहीं है। राहुल के निकट सूत्र बताते हैं कि वह तैयार कर चुके हैं कि जब तक वह मोदी के चीन को लेकर दिये बयान को गलत साबित नहीं कर देते तब तक उनका हमला ज़ारी रहेगा।