सियासतः क्या बीजेपी के लिए आसान है पश्चिम बंगाल में ममता को मात देना?
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 2, 2020 06:33 IST2020-03-02T06:33:17+5:302020-03-02T06:33:17+5:30
बीजेपी को 2014 में 87 लाख वोट मिले थे. 2019 में, हमारे लिए आपका प्यार बढ़ा और हमें पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.3 करोड़ वोट मिले.

सियासतः क्या बीजेपी के लिए आसान है पश्चिम बंगाल में ममता को मात देना?
एक के बाद एक राज्य खोने के बावजूद बीजेपी नेतृत्व के दावे कमाल के हैं. खबर है कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि- आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बंगाल में बनने वाली है.
उनका कहना था कि- बीजेपी को 2014 में 87 लाख वोट मिले थे. 2019 में, हमारे लिए आपका प्यार बढ़ा और हमें पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.3 करोड़ वोट मिले. मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि राज्य के 18 सांसद संसद में इसका प्रतिनिधित्व करके बंगाल को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि- जब हम बंगाल में चुनाव के मैदान में थे तो ममता दीदी कहती थीं जमानत बचा लेना, ममताजी ये आंकड़े देख लीजिए, अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बंगाल में बनने वाली है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में इन कुछ वर्षों में बीजेपी की सियासी ताकत बढ़ी जरूर है, लेकिन इतनी भी नहीं कि ममता बनर्जी को आसानी से मात दे दे.
सबसे बड़ा सवाल सीएए, एनआरसी आदि को लेकर है कि बंगाल की जनता इसे लेकर क्या सोचती है और इसी पर निर्भर है बीजेपी की हार-जीत.
सीएए के बाद दिल्ली में बीजेपी विधानसभा चुनाव हार जरूर गई है, लेकिन उसका वोट प्रतिशत अच्छा-खासा बढ़ा है. यदि ज्यादातर गैर-भाजपाई वोट अकेले आम आदमी पार्टी को नहीं मिले होते, तो नतीजे कुछ और होते.
पश्चिम बंगाल में साफ तौर पर भाजपाई और गैर-भाजपाई वोटों के बीच बंटवारा होगा.
यदि टीएमसी आम आदमी पार्टी की तरह अधिकतम गैर-भाजपाई वोटों को हांसिल करने में कामयाब रहती है, तो बीजेपी को निराशा हाथ लगेगी, और यदि गैर-भाजपाई वोट टीएमसी, कांग्रेस, कम्यूनिस्ट आदि के बीच बंट गए तो बीजेपी की जीत पक्की है!