पटनाः बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में मॉनसून आ चुका है पूरे उत्तर बिहार पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा तो सरकार को अब याद आ रही है.
नेपाल के पहाड़ी और तराई क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से उत्तर बिहार के कई इलाकों में गंडक व बूढ़ी गंडक उफनाने लगी है. चंपारण के दियारावर्ती गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. यहां बता दें कि तेजस्वी यादव ने सरकार पर तब हमला बोला है, जब नेपाल के हालिया रवैये की वजह से सूबे के बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है.
नेपाल से आने वाली नदियों के जल स्तर पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार बाढ़ रक्षात्मक कार्य कराती रही है, लेकिन इस बार नेपाल ने इस पर रोक लगा दिया है. इस बीच बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है.
राज्य सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि हमारे स्थानीय इंजीनियर और डीएम संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. यदि इस मुद्दे को समय पर संबोधित नहीं किया जाता है, तो बिहार के प्रमुख हिस्से में बाढ़ आ जाएगी.
जल संसाधन मंत्री ने आगे बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है, जो नो मेंस लैंड के पास लाल बकेया नदी के पास पड़ता है. इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है. पहली बार, हम लोगों की ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं. वाल्मिकी नगर के गंडक बराज के करीब 36 गेट हैं और 18 गेट नेपाल की तरफ हैं, वहां जो बाढ़ से निपटने का सामान है, उसमें उन्होंने बैरियर लगा रखे हैं, जो आजतक कभी नहीं हुआ है.
पूरे उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है
ऐसा पहली बार हो रहा है कि वहां मैटिरियल ले जाने, काम करने, आवाजाही में नेपाल दिक्कत कर रहा हैं. मैं भारत सरकार के एमईए को सारी स्थिति बताते हुए पत्र लिख रहा हूं. अगर वहां तक नहीं पहुंचे तो बिहार के ज्यादातर हिस्से बाढ़ में डूब जायेंगे. वहीं, तेजस्वी यादव ने नेपाल के मसले पर बिहार सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब बिहार में मॉनसून का प्रवेश हो चुका है पूरे उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है तब सरकार को याद आई है. अब वे विदेश मंत्रालय से गुहार लगा रहे हैं.
सरकार को पहले से इस मसले में ठोस कदम उठाना चाहिए था, लेकिन तब सरकार ने कोई सुध नहीं ली अब जब सर पर खतरा मंडराने लगा है तो नीतीश सरकार को इसकी याद आ रही है. यहां बता दें कि गंडक बराज के 36 गेटों में से 18 नेपाल के इलाके में पड़ते हैं, जहां बाढ़ से बचाव के लिए काम कराया जा रहा था. नेपाल के नियंत्रण वाले इलाकों में बाढ़ से सुरक्षा के लिए कराए जा रहे हैं. काम पर वहां की सरकार ने रोक लगा दी है. जिससे बिहार के डूबने का खतरा बढ़ गया है.