नई दिल्लीः भारतीय सीमा में चीनी राजनीति गर्माती जा रही है, उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सामान विचारधारा वाले सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर एक जुट कर सरकार के खिलाफ मुहिम चलने की तैयारी में है।
गौरतलब है पहले ही चीन को लेकरराहुल गांधी सरकार से सफाई मांग चुके हैं और अब पार्टी इस मुद्दे को तूल देने में जुट गयी है। दरसल पार्टी की रणनीति भाजपा के राष्ट्रवाद के खिलाफ चीन के मुद्दे को उठा कर यह साबित करना है कि भाजपा का राष्ट्रवाद केवल एक दिखावा है क्योंकि देश की सीमाएं चारो तरफ से घिरी हुयी हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की ओर से साफ़ किया यह कहते हुये की भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। लद्दाख में गलबान नदी वैली और पैंगोंग सो झील के इलाके से कथित रूप से जो घुसपैठ हुई है और जो खबरें मिल रही जिनके अनुसार चीनी सेना देश की अखण्डिता पर अतिक्रमण कर रही है।
दूसरी ओर सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं की गलबान नदी वैली में चीन की घुसपैठ से दरबुक श्योक दी बी ओ रोड को खतरा उत्त्पन हो जायेगा। सामरिक दृष्टि से यह अत्यंन्त महत्वपूर्ण है क्यूंकि उत्तर के इलाके में तथा काराकोरम दर्रा के नज़दीक भारतीय सेना को रसद और सैन्य सामग्री पहुँचाने का काम किया जाता है। चीनी सेना यदि इसी तरह बढ़ती रही तो भारत और उसकी सीमा पर तैनात सेना के लिये बड़ा संकट खड़ा हो जायेगा।
कांग्रेस ने रक्षा विशेषज्ञों की इन चिंताओं का संज्ञान लेते हुए , प्रधान मंत्री मोदी और उनकी सरकार से सवाल किया की वह स्तिथि को स्पष्ट करें की वास्तिविकता क्या है। कांग्रेस ने सीधा सवाल किया कि क्या यह सही है की चीनी सेना ने वास्तविक सीमा रेखा को लांग कर सैकड़ो टेंट , कंक्रीट के ढांचे और सड़क बना ली है और अब उत्तरी तट पर सड़क निर्माण का काम कर रही हैं।
सरकार यह भी बताये की इन चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिए उसकी क्या तैयारी हैं . जब देश के सामने उसकी अखंडता को लेकर सवाल खड़ा हुआ है तब सरकार को चाहिये कि वह सभी दलों को विश्वास में ले और देश को बताये कि वास्तविकता क्या है।