नई दिल्लीः भारत-चीन सीमा पर तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी पार्टी के अध्यक्ष शामिल होंगे। इस बीच खबर है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी हिस्सा लेंगी। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से सवाल पूछेंगे।
हालांकि इस बैठक में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और आम आदमी पार्टी (आप) को सीमा संघर्ष मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। तीनों दल ने कहा कि यह ठीक नहीं है। इस बैठक का क्या महत्व है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि पहले कहा गया कि हमारे 3 जवान शहीद हुए फिर बताया गया कि 20 जवान शहीद हुए हैं। फिर बताया गया कि हमारा कोई जवान चीन के कब्जे में नहीं है कल जानकारी मिली कि 10 जवानों को चीन से छुड़ाया गया है। ऐसे गंभीर मसले पर केंद्र की भाजपा सरकार देश से झूठ क्यों बोल रही है?
देश भर में चीन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। हैदराबाद में आज जनरल मर्चेंट एसोसिएशन ने चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम व्यास-"हमने ये फैसला लिया है कि हम भविष्य में यहां भारत में बनी वस्तु ही बेकेंगे, यहां करीब 800 व्यापारी हैं। आत्मनिर्भर भारत में हमारा भी योगदान रहेगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘भारत एवं चीन के सीमा क्षेत्रों में हालात को लेकर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जो 19 जून को अपराह्न पांच बजे होगी। इस डिजिटल बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे।’’
केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पिछले छह साल में चीन के साथ प्रधानमंत्री स्तर की बातचीत के बावजूद चीन ने गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले छह साल में प्रधानमंत्री ने अपने चीनी समकक्ष के साथ 18 बार बातचीत की। ’’
उन्होंने सवाल किया , ‘‘इस वार्ता का क्या परिणाम निकला ? चीन गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है । देश के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए । अब केवल यही पलटवार हो सकता है कि अपना क्षेत्र वापस लें।’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों की शहादत के मद्देनजर ओवैसी का यह बयान आया है ।
चीन-भारत सीमा संघर्ष पर सर्वलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने पर राजद नाराज
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने लद्दाख में चीन के साथ टकराव पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर आपत्ति जतायी और कहा कि बिहार की "सबसे बड़ी" पार्टी की अनदेखी की गई। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने निराशा जताई कि संसद में पांच सदस्य होने और "बिहार में सबसे बड़ा दल" होने के बावजूद उनकी पार्टी की अनदेखी की गई।
यादव ने कहा, "हम चाहते हैं (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह जी स्पष्ट करें कि राजद को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया है।" राजद के राज्यसभा में पांच सदस्य हैं लेकिन लोकसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने ट्वीट कर कहा कि पांच सदस्यों के तर्क का खुलासा हो गया।
उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी, अपना दल, शिरोमणि अकाली दल, भाकपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस का उदाहरण दिया जिन्हें सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया गया है जबकि राजद की तुलना में उनके कम सांसद हैं। राजद शुरू से भाजपा की मुखर विरोधी पार्टी रही है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी पुत्री और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने एक ट्वीट साझा किया, ‘‘"जो सवाल दागेंगे, साहब उससे भागेंगे।’’ उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ अल्पदलीय खानापूर्ति और अल्पदलीय ढोंग।’’
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आप आमंत्रित नहीं : पार्टी नेता
आम आदमी पार्टी (आप) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन के साथ सीमा संघर्ष मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को यह दावा किया। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की दिल्ली में सरकार है और पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है फिर भी भाजपा को उसके विचार नहीं चाहिए। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “केंद्र की भाजपा सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन बार के मुख्यमंत्री को एक महत्त्वपूर्ण विषय पर सुझाव के लिए नहीं बुलाया गया।”
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार को हमारे सैनिकों की शहादत का प्रतिशोध लेना चाहिए। सरकार को तत्काल वह जमीन वापस लेनी चाहिए जो चीन ने भारत से अधिगृहीत की है।” सिंह ने कहा, “सीमा विवाद पर देश को सही सूचना न देना देश के साथ बड़ा धोखा है।” उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने देश से जानकारी क्यों छिपाई, केंद्र सरकार को जवाब देना होगा।” आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा, “सभी दलों को साथ लेने के बावजूद, भाजपा गणितीय फार्मूला का प्रयोग कर यह तय कर रही है कि किसे बुलाना है और किसे नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
समझा जाता है कि सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों जिनके पास लोकसभा में पांच सासंदों से ज्यादा है, पूर्वोत्तर के प्रमुख दलों और केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों वाले दलों को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। अपने आधिकारिक बयान में, आप ने कहा कि यह गर्व की बात है कि, “सर्वदलीय बैठक नयी दिल्ली में हो रही है जहां आप का शासन है और उम्मीद की जाती है कि बैठक में चीन द्वारा उत्पन्न खतरे तथा लद्दाख घाटी में जारी संकट पर कुछ सम्मानजनक हल निकलेगा जिससे गलवान घाटी वापस भारत के हिस्से में आ जाए।” पार्टी ने कहा, “आप सभी तरह से भारत के साथ खड़ी रहने के लिए प्रतिबद्ध है। वह बैठक से उसको बाहर रखने से निराश है लेकिन इससे निकलने वाले परिणामों के साथ है।”
यह बैठक शुक्रवार को होगी और यह लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीयों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के विपक्ष द्वारा ब्यौरे मांगे जाने के बीच हो रही है जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। राय ने कहा कि आप भी चीनी आक्रमकता के खिलाफ शनिवार से राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू करेगी और पार्टी के विधायक अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन करेंगे। राय ने एक ट्वीट में कहा, “चीन की तरफ से भारतीय सैनिकों पर हमला किए जाने के खिलाफ, आम आदमी पार्टी कल 20 जून पूर्वाह्न 11 बजे ‘आक्रोश प्रदर्शन’ करेगी। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन होंगे। भारत वीर सैनिकों के अपमान को नहीं सहेगा।”
इनपुट भाषा से