गोरखपुर लोकसभा उपचुनावः लगातार बढ़ा योगी की जीत का ग्राफ, सपा-बसपा की दोस्ती बदलेगी समीकरण?
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 6, 2018 09:43 AM2018-03-06T09:43:04+5:302018-03-10T09:20:57+5:30
Gorakhpur Lok Sabha ByPolls 2018: गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में कई दशकों से गोरखनाथ मठ के महंत ही सांसद बनते रहे हैं। इस बार बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रत्याशी का समर्थन करने का फैसला किया है।
गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक कद 2017 में अप्रत्याशित रूप से बढ़ा। उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण कर ली जिसके बाद उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा। योगी के इस्तीफे से रिक्त गोरखपुर में 11 मार्च को उपचुनाव के मतदान होंगे और 14 मार्च को मतगणना की जाएगी। यह गोरखनाथ मठ की पारंपरिक सीट मानी जाती है। यहां कई दशकों से मठ के महंत ही सांसद बनते रहे हैं। लेकिन इस बार बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया है। हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव साथ में लड़ी सपा-कांग्रेस ने उपचुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार उतारे हैं।
गोरखपुर लोकसभाः किसने किसपर खेला दांव?
बीजेपी ने अगड़े-पिछड़ों का सामंजस्य बिठाते हुए गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए उपेंद्र शुक्ला को टिकट दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली पसंद योगी कमलनाथ माने जा रहे थे। समाजवादी पार्टी ने प्रवीण निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है। वे निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की सहयोगी रही कांग्रेस ने गोरखपुर सीट पर अपना अलग प्रत्याशी उतारा है। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से डॉ. सुरहिता चटर्जी करीम कांग्रेस पार्टी की दावेदारी पेश कर रही हैं। बहुजन समाज पार्टी ने सपा उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
गोरखपुर लोकसभाः ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
साल 1952 में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ था। इसके अंतर्गत कुल पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ताप्ती और रोहिनी नदी के किनारे बसा यह लोकसभा क्षेत्र गोरखनाथ मठ की पारंपरिक लोकसभा सीट मानी जाती है। यहां पहले गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ सांसद रहे हैं। अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद योगी आदित्यनाथ ने चुनाव लड़ना शुरू किया और 1998 से 2017 तक सांसद रहे। नीचे दिए गए चार्ट में देखिए गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सभी सांसदों की सूची-
गोरखपुर लोकसभाः कुछ जरूरी बातें
- गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 19,28,108 मतदाता हैं।
- पुरुष मतदाताओं की संख्या 10,68,561 है।
- महिला मतदाताओं की संख्या 8,59,547 है।
- 18 से 35 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 42 प्रतिशत है।
- 2011 की जनगणना के मुताबिक इस क्षेत्र में 90.28 प्रतिशत हिंदू रहते हैं।
योगी ने गोरखपुर में डाला डेरा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए गोरखपुर में डेरा डाल दिया है। यह सीट योगी आदित्यनाथ की नाक का सवाल है। योगी ने कहा कि जिस शैली में वर्तमान सरकार काम कर रही है, उसका एहसास जनता को भलीभांति हो गया है क्योंकि हमने विकास को परिवार, जाति या क्षेत्र में नहीं बांटा है। उन्होंने कहा, "सूबे ने अनेक सरकारों की कार्य पद्धति को देखा है लेकिन इस तरह का काम पहले नहीं देखा होगा। सरकार ने 11 महीनों में किसानों का कर्ज माफ कर दिया और 11 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करा दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि जैसे उनके लिए कार्यकर्ता काम में जुटते थे, उसी तरह से उपेंद्र शुक्ल के लिए जुटें।
अखिलेश बोले- लोगों को असलियत पता चल गई
सपा का कहना है कि गोरखपुर उपचुनाव के मतदाता बीजेपी के वादों को नकार दिए जाने और जनहित की कोई योजना लागू न किए जाने से बुरी तरह आक्रोशित हैं। बीजेपी के नेता लोगों को बहकाने के लिए जाति-धर्म की राजनीति करने लगे हैं, लेकिन लोग इससे ऊब गए हैं। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा, "अब तो आम नागरिक भी पूछने लगा है कि जनधन खाते में 15 लाख रुपये भेजने, नौजवानों को नौकरियां देने, किसानों की आमदनी दुगनी करने जैसे वादों का क्या हुआ? महिलाओं की इज्जत हर वक्त खतरे में क्यों रहती है?" कई वरिष्ठ नेता क्षेत्र में मतदाताओं के बीच पहुंच गए हैं। वे संकीर्ण सोच और धर्म के नाम पर लड़ाने-भिड़ाने वाली पार्टी की बुरी नीयत के प्रति लोगों को सतेच करने में जुट गए हैं।