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Exclusive Interview: गोपाल राय बोले- यूपीए या तीसरे मोर्चे की सरकार बनी तो शामिल होगी आम आदमी पार्टी

By पल्लवी कुमारी | Updated: March 14, 2019 17:21 IST

आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा- 'कांग्रेस की सत्ता थी तो उसने नहीं बनाया दिल्ली को पूर्ण राज्य लेकिन भाजपा वादा करके गई थी कि वो दिल्ली को पू्र्ण राज्य का दर्जा दिलाएगी। इस मामले में कांग्रेस और भाजापा दोनों ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया है।' गोपाल राय ने लोकसभा चुनाव 2019 से जुड़े सारे मुद्दों पर लोकमत से की खास बातचीत की।

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ठळक मुद्देआम आदमी पार्टी ने कभी भी जवानों की शहादत पर राजनीति नहीं की। आप पार्टी हमेशा से सेना और केंद्र सरकार के साथ रही है: गोपाल रायकांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां परिवार को टिकट देती हैं: गोपाल राय

आम आदमी पार्टी (आप) के कद्दावर नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने लोकमत से खास बातचीत की। गोपाल राय ने कहा कि केंद्र में यूपीए या तीसरे मोर्चे की सरकार बनी तो आम आदमी पार्टी होगी। इसके साथ ही एयर स्ट्राइक पर नरेन्द्र मोदी की सरकार और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह पर जमकर बरसे। इस खास बातचीत में उन्होंने बताया कि आखिर दिल्ली के लिए  पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना क्यों बहुत जरूरी है। गोपाल राय ने कांग्रेस के साथ आप के गठबंधन ना होने के कारणों पर भी चर्चा की। तो आइए देखते हैं इंटरव्यू में उनसे पूछ गए सवाल और जवाब... 

सवाल- लोकसभा चुनाव 2019 के पहले कांग्रेस से गठबंधन के लिए माथापच्ची क्यों?

जवाब- 'नहीं अब तो कोई माथापच्ची नहीं है। लेकिन महागठबंधन लिए कांग्रेस राहुल गांधी की मौजूदगी में बात की थी और उसके बाद उन्होंने कहा था कि हमारी लोकल यूनिट इसके लिए तैयार नहीं है, बाद में उनकी लोकल यूनिट ने भी मना कर दिया। इसके बाद आप पार्टी ने दिल्ली के छह सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिए।' 

सवाल- यूपीए या तीसरे मोर्च की सरकार बनती है तो क्या आप पार्टी साथ देगी? 

जवाब- 'आम आदमी पार्टी महागठबंधन के साथ है। नीतियों के आधार पर हम साथ खड़े हैं। चुनाव के पहले मना कर दिया तो कोई बात नहीं नीतियों के आधार पर हमका साथ देंगे।' 

सवाल- आम आदमी पार्टी को ज्यादा खतरा बीजेपी से है या कांग्रेस से? 

जवाब- 'देखिए, कोई खतरा नहीं है, आज देश के ऊपर खतरा है। बात पार्टियों की नहीं बात अब देश की है। जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान को खत्म करने की ओर बढ़ रहे हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि लोकतंत्र देश में बचे। हमारी पार्टी इसी मुहिम के लिए काम कर रही है।

सवाल- क्या कांग्रेस के बिना दिल्ली में आप सात सीटें जीत पाएगी? 

जवाब-  'देखिए, जीत और हार जनता के दम पर होती है, जब 2015 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ था तो हमने जनता को समझाया था, तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी खड़े थे लेकिन दिल्ली की जनता ने 70 में 67 सीट दी। कांग्रेस को जीरो पर पहुंचाया, बीजेपी को तीन पर पहुंचाया। तो असली मालिक तो जनता है और आप पार्टी जनता की अदालत में है और जनता ही फैसला करेगी।  पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर पूरी ताकत के साथ आप जनता के बीच लोकसभा चुनाव के लिए उतरेगी।' 

सवाल- क्या दिल्ली में कांग्रेस के बिना आपके वोट नहीं कटेंगे? 

जवाब- 'हमने कोशिश की थी कांग्रेस को ये बात समझाने की कि पार्टी से बड़ा देश है लेकिन कांग्रेस ने नहीं सुना। वोट कांग्रेस नहीं बल्कि जनता देती है। हम जनता को समझा रहे हैं और जनता हमारे साथ खड़ी होगी। हमारा हाईकमान जनता है, जब सारे दरवाजे बंद हैं तो जनता के दरवाजे खुले हैं।' 

सवाल- दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए 'आप' ने सिर्फ 6 उम्मीदवार घोषित किये, क्या सातवें सीट से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हो सकते हैं? 

जवाब- 'हमने सातों सीट के लिए प्रभारी बनाए थे, छह प्रभारियों ने अपना काम लेकिन सातवें सीट पर जो थे, उन्होंने हेल्थ प्रोब्लम की वजह से काम नहीं किया , इसलिए हमने छह पर उम्मीदवार घोषित कर दिए, उनके काम को देखते हुए। सातवें सीट पर हम अब सीधे प्रभारी की जगह कैंडिडेट घोषित करेंगे और अभी तो कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवार घोषित नहीं हुए हैं... पहले मूल्यांकन करेंगे फिर सातवें सीट का ऐलान करेंगे।' 

सवाल- आप की सरकार के दिल्ली में 4 साल पूरे हो गए हैं लेकिन लोक सभा चुनाव से ठीक पहले आपने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का मांग उठाया?

जवाब- 'देखिए, ये काम हम स्टेप बाइ स्टेप तीन साल से कर रहे हैं। जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी तो मई महीने में केन्द्र की सरकार ने हमारे अधिकार को छीनाऔर लगातार हमारे कामों में दखलअंदाजी शुरू कर दी थी, इसके बाद हमने पूर्ण राज्य की मांग उठाई थी। विधानसभा में हमने प्रस्ताव पारित किया लेकिन केन्द्र सरकार ने अड़गा लगा दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि दिल्ली की कैबिनेट फैसला तो ले सकती है लेकिन लागू करने के लिए जो सर्विस चाहिए वो उन्होंने टू मेंबर बेंच को सौंप दिया। हम इंतजार कर रहे थे कि वो फैसला जल्दी आ जाएगा, लेकिन वो फैसला काफी लेट हुआ। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला दोबारा आ गया और तीन मेंबर को रेफर कर दिया गया तो पार्टी समझ गई की ये मसला काफी लंबा खींचने वाला है। फिर हमने तय कर लिया कि अब जनता की अदालत में जाना पड़ेगा और उसके बाद से ही पार्टी ने इसके लिए पूरी कोशिश शुरू कर दी।' 

सवाल- संसद का सत्र खत्म के बाद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग से फिलहाल क्या फायदा होगा? 

जवाब- 'इसका फायदा ये है कि अब नई संसद बनने वाली है और दिल्ली के बीजेपी के सात सांसद ये वादा करके गए थे कि वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे लेकिन उन्होंने जनता के साथ धोखा किया है। अब लोकसभा से ही  दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा तो हमारे सात सांसद जीतकर जाएंगे तो इसमें हमारी मदद होगी। दिल्ली की जनता को हम लोकसभा के चुनावी कैम्पेन में इस मुद्दे को उठाकर तैयार कर रहे हैं कि अगर आपने हमारा साथ दिया तो हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर दिलवाएंगे।' 

सवाल- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने एक मार्च से उपवास की बात की थी लेकिन आज 13 दिन हो गए उपवास तो हुए नहीं?

जवाब- 'वो उपवास हमने इसलिए कैंसिल कर दिए क्यों कि बीच में पुलवामा में आतंकी हमला हो गया। अब केजरीवाल इस मुद्दे को लेकर कोई उपवास नहीं करेंगे बल्कि हम अब जनता के बीच सीधे इस मुद्दे को लेकर जाएंगे।'

सवाल- पूर्ण राज्य के अलावा वो कौन से ऐसे अहम मुद्दे हैं जिनके बल पर आम आदमी पार्टी लोक सभा चुनाव में जीत का दावा कर रही है? 

जवाब- 'दिल्ली के लोगों को चार साल से आम आदमी पार्टी बिजली, पानी, शिक्षा, हेल्थ, पेंशन और किसानों को मुआवजा ऐसे बहुत सारे फील्ड में सरकार काम रही है। लेकिन इन कामों को नहीं करने दिया जा रहा है। लेकिन अगर हम दिल्ली को पूर्ण राज्य बना लेते हैं, तो हम जो भी वादा दिल्ली के लोगों से करेंगे वो पूरा भी करेंगे। लोकसभा चुनाव में जनता अगर हमारा साथ दें तो हम दिल्ली को इससे 10 गुना ज्यादा काम कर देंगे। अगर आज दिल्ली पूर्ण राज्य बनता है तो एक महीने के अंदर दो लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है।' 

जवाब- कांग्रेस ने भी दिल्ली पूर्ण राज्य के नाम पर जनता के साथ धोखा किया है? 

जवाब- 'कांग्रेस की सत्ता थी तो उसने नहीं बनाया दिल्ली को पूर्ण राज्य लेकिन भाजपा वादा करके गई थी कि वो दिल्ली को पू्र्ण राज्य का दर्जा दिलाएगी। इस मामले में कांग्रेस और भाजापा दोनों ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया है।'

सवाल- मोदी पर अखबारों में विज्ञापन पर पैसा बर्बाद करने वाले मुद्दे पर केजरीवाल भी घिर गए, आये दिन आप के भी लंबे-चौड़े ऐड हमे देखने को मिल रहे हैं? फिर आप पार्टी कहती है दिल्ली में काम करने से रोका जा रहा है? 

जवाब- 'नहीं, हमने ये नहीं कहा कि काम नहीं हो रहा है...लेकिन काम के रफ्तार को रोका जाता है। काम हुआ है तभी स्कूल ठीक हुआ है। आज अगर दिल्ली मोहल्ला क्लिनिक और बिजली-पानी सब सही से चल रहा है तो काम हो रहा है। लेकिन इसके प्रोसेस को देर किया जाता है। जो काम दो दिन में होना चाहिए उसके लिए दो महीने का वक्त लगाया जाता है। हर फाइल को जानबूझकर घुमाई जाती है। कोई भी आपराधिक घटनाएं होती है तो लोग हमारे पास आते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस तो हमारे अंदर है ही नहीं।' 

सवाल- पहले आप EVM को लेकर सवाल उठाती थी, अब चुनाव के फैसले पर भी? रमजान में चुनाव से आम आदमी पार्टी क्यों डरी हुई है?

जवाब- 'मेरा कहना ये है कि चुनाव की तारीख तय करते समय सबके सुविधा का ध्यान रखा जाए तो अच्छा होता है। चाहे वो रमजान का मुद्दा हो या किसी भी त्योहार का है, इसका ध्यान रखा जाता है। लेकिन मेरा ये मानना है कि परिस्थितियां चाहे जो भी हो, देश की मतदाताओं से मेरी एक ही अपील है, इस बार पूरी ताकत से मतदान करने जाएं। चुनाव आयोग भले ही तारीखों में सुधार ना करें,  लेकिन इस बार जनता को देश के लिए रमजान में भी खड़ा होना पड़ेगा और वोट देना पड़ेगा।' 

सवाल-  पहले आप के पास कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार की पूरी लिस्ट थी। रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत थे, लेकिन अब इस मामले पर पार्टी ने एकदम चुप्पी साध ली है? 

जवाब- 'तो क्या करेगी पार्टी, क्या कर सकते हैं, एक पुलिस तो है नहीं दिल्ली के पास, पहले एसएसपी था वो भी मोदी सरकार ने छीन लिया तो हम क्या करेंगे। हमारे पास जांच एजेंसी नहीं है, हमारे पास एसएसपी थी, उससे भी मोदी जी को डर लग गया। अरविंद केजरीवाल ने सारे तथ्य और सारे सबूत मीडिया के सामने रखे हैं लेकिन सवाल ये है कि इसकी जांच कौन करेगा। ईडी की पूछताछ को लेकर हम कर भी क्या सकते हैं, जब वक्त था तो हमने सारे सबूत पेश किए थे लेकिन जांच नहीं हुई। हम तो चाहते हैं कि एंटी करप्शन टीम दी जाए हम सारे  भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच करवाएंगे।' 

सवाल-  आप पार्टी में किसकी चलती है, कुमार विश्वास पिछले कुछ समय से पार्टी और अरविंद केजरीवाल से नाराज़ चल रहे हैं, अलका लंबा को साइड लाइन कर दिया गया है? तो क्या पार्टी महज कुछ लोगों की रह गई है? 

जवाब-  'आप में आम आदमी की चलती है। पार्टी में आजादी का मतलब अनुशानहीनता कतई नहीं है। हमारा हाईकमान आम आदमी है। हमारा फायरब्रैंड नेता आम आदमी है। जो गली-गली जाता है लोगों को तैयार करता है। उसके दम पर आम आदमी पार्टी खड़ी है, किसी फायरब्रैंड नेता के दम पर नहीं।' 

सवाल- एयर स्ट्राइक पर राजनीति कहां तक सही है? 

जवाब- ''आम आदमी पार्टी ने कभी भी जवानों की शहादत पर राजनीति नहीं की। आप पार्टी हमेशा से सेना और केंद्र सरकार के साथ रही है। मोदी सरकार ने जवानों को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया है। हमारी पार्टी ने इसके लिए आवाज उठाई थी लेकिन मोदी सरकार इसपर चुप्पी साधे हैं, क्या सीआरपीएफ के जवान शहीद नहीं होते हैं। आखिर ये प्रोटोकॉल बनाई किसने है? हमने कभी भी सेना पर या सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल नहीं उठाये, हमारा कहना बस इतना था कि जब विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान में कैद थे तब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बीजेपी के मेरा बूथ सबसे मजबूत करने में लगे हुए थे। वो ऐसा क्यों कर रहे थे। सवाल भाजपा की राजनीतिक मानसिकता पर उठ रहे हैं, जो जायज हैं। कर्नाटक के बीजेपी नेता येदियुरप्पा कहते हैं की इससे हमारी 22 सीटें बढ़ जाएंगी। सीआरपीएफ के जवानों को शहीद का दर्जा तक नहीं दे पाई बीजेपी प्रोटोकॉल का बहाना बनाती है।''

सवाल- पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए? ये सवाल क्या जायज है? 

जवाब-' सेना की स्ट्राइक की बात हमने मानी है लेकिन सेना ने ये कभी नहीं कहा कि कितने आतंकी मारे गए। सवाल ये है कि अमित शाह किस आधार पर बोल सकते हैं कि कितने आतंकी मारे गए? क्या अमित शाह गिनने गए थे, भाजपा का कोई नेता कहता है की 300 मार दिया 400 मार दिया? मेरा सवाल है भाजपा के नेताओं और अमित शाह को कैसे पता चला कि कितने आतंकी मारे? उन्होंने क्यों झूठ बोला, देश को गुमराह क्यों किया। क्या वो इस बात का जवाब देंगे। विदेश मंत्रालय ने भी कहा की हमारे पास कोई आंकड़े नहीं हैं तो अमित शाह ने वोट के लिए देश से झूठ बोल रहे हैं? देश की जनता को सब पता है बीजेपी अपने गलत कामों को ये झूठे आंकड़े बता कर नहीं ढक सकती है।' 

सवाल- प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री, क्या कांग्रेस परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है? 

जवाब- 'मुझे नहीं पता। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां परिवार को टिकट देती हैं। रही बात प्रियंका की तो देश के लोगों के लिए व्यक्ति उतना महत्व नहीं रखता, आज चाहे कोई भी व्यक्ति हो देश के सामने जो लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है, उसके लिए सबको खड़ा होने की जरूरत है और प्रियंका गांधी क्या चुनाव में कितना असर पड़ेगा ये नतीजे आने के बाद एकदम साफ हो जाएगा। आम आदमी पार्टी को खास लोगों के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।' 

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