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गुलाम नबी आजाद बोले, जिसको भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में रुचि है, वह हमारे प्रस्ताव का साथ देगा

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 27, 2020 18:04 IST

कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद, गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव, सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।

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ठळक मुद्देगुलाम नबी आजाद की मांग है कि पार्टी में संसदीय बोर्ड का गठन होना चाहिए और कार्यसमिति सदस्यों का चुनाव भी जरूरी है। गुलाम नबी आजाद का कहना है, उन्हें इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के तृत्व के बदलाव को लेकर कांग्रेस के 23 नेताओं ने पत्र लिखा था। जिसको लेकर कांग्रेस CWC बैठक में काफी हंगामा भी हुआ। ऐसे में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वालों में प्रमुख रूप से शामिल गुलाम नबी आजाद ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जिस किसी की भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में वास्तविक रुचि है, वह हमारे प्रस्ताव को हर राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का स्वागत करेगा। पूरी कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव होना चाहिए। 

गुलाम नबी आजाद की मांग है कि पार्टी में संसदीय बोर्ड का गठन होना चाहिए और कार्यसमिति सदस्यों का चुनाव भी जरूरी है। वहीं एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को सुनने के लिए पूर्णकालिक पार्टी प्रमुख की नियुक्ति नहीं हो जाती, वह छह महीने तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं। 

गुलाम नबी आजाद ने कहा, अगर सोनिया गांधी जी मुझे इन मामलों को सुलझाने के लिए प्रस्तावित समिति में सदस्य बनाती हैं तो मुझे ऐसा करने में खुशी होगी। 

गुलाम नबी आजाद का कहना है, उन्हें इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने। मेरी राय यह है कि अगर इसके बजाय पार्टी को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल जाए तो ज्यादा अच्छा होगा। पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष कोई भी बन सकता है। 

हालाांकि गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के उम्मीदवार नहीं हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा, मेरी मांग है कि एक निर्वाचित कांग्रेस कार्य समिति, एक प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष और एक संसदीय बोर्ड होनी ही चाहिए। 

टॅग्स :गुलाम नबी आजादसोनिया गाँधी
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